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IPL 2020: खेलों को पटरी पर लाने वाला Bio-Bubble क्या है? कहां से आया ये आयडिया, UAE में कैसे करेगा काम, जानिए आसान भाषा में

IPL 2020, indian premire leauge, What Bio-Bubble: बदलते वक्त के साथ कोविड-19 महामारी के बीच सारी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जा रहा है. कोरोना से प्रभावित खेल की दुनिया के लिए ‘बायो बबल’(जैव रूप से सुरक्षित) एक बड़ा मार्ग बना. यूएई में आयोजित आईपीएल इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है जहां सभी टीमों के खिलाड़ी और सदस्य ‘बायो बबल’ में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2020 2:48 PM

IPL 2020, indian premire leauge, What Bio-Bubble:बदलते वक्त के साथ कोविड-19 महामारी के बीच सारी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जा रहा है. कोरोना से प्रभावित खेल की दुनिया के लिए ‘बायो बबल’(जैव रूप से सुरक्षित) एक बड़ा मार्ग बना. यूएई में आयोजित आईपीएल इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है जहां सभी टीमों के खिलाड़ी और सदस्य ‘बायो बबल’में हैं. बायो बबल एक वातावरण एक ऐसा माहौल या स्थिति को तैयार करना है जहां खिलाड़ियों व टूर्नामेंट से जुड़े लोगों का शारिरिक तौर पर बाहरी संपर्क पूरी तरह टूट जाए.

बीसीसीआई ने आईपीएल के लिए जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) में बायो बबल सबसे अहम है. आईपीएल टीमें 20 अगस्त के आसपास ही यूएई में हैं और सभी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स को बायो-बबल में रखा गया है. आईपीएल फाइनल तक करीब( 80 दिन) तक इन सभी को इसी में रहना होगा. बता दें कि आईपीएल का पहला मुकाबला 19 सितंबर को होगा.

कहां-कहां प्रयोग हो रहा बायो बबल

अमेरिका में यूएस ओपेन में, हालिया संपन्न हुई फुटबॉल चैंपियंस लीग में, यूएई में जारी आईपीएल में, आगामी आस्ट्रिलयाई बिग बैश क्रिकेट लीग में और गोवा में अगले माह होने वाले फुटबॉल टूर्नामेंट में. इसके अलावा जहां भी खेल की गतिविधियां शुरू हो रहीं हैं वहां बायो-बबल इस्तेमाल करने की चर्चा हो रही है.

बायो-बबल है क्या?

‘बायो बबल’ या जैविक सुरक्षित वातावरण एक ऐसा माहौल या स्थिति को तैयार करना है जहां खिलाड़ियों व टूर्नामेंट से जुड़े लोगों का बाहरी कनेक्शन पूरी तरह टूट जाए. आईपीएल के दौरान सभी खिलाड़ियों को इसके नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा. वो टूर्नामेंट के समय तक बाहरी दुनिया से शारीरिक तौर पर पूरी तरह से कट जाएंगे. उन्हें उस जैविक सुरक्षित माहौल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. ये एक बुलबुले जैसा होगा जहां टूर्नामेंट खत्म होने तक खिलाड़ियों को काफी संयमित ढंग से रहना हो.

कहां से आया बायो बबल का आयडिया

इस साल मार्च में विश्वव्यापी लॉकडाउन की घोषणाओं के बाद जब इंग्लैंड में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला गया तो उसे बायो सिक्योर फॉर्मूले ( बायो बबल ) के तहत संपन्न कराया गया. इसे ही बायो बबल वाली व्यवस्था कहा जा रहा है. बायो बबल का आयडिया इंग्लैंड से ही आया. द हिंन्दू की खबर के मुताबिक, बायो बबल का खाका ब्रिटेन की टेक्नोलॉजी फर्म रेस्ट्राटा (Restrata) ने बनाया.

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इसमें बड़े पैमाने पर आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस व सॉफ्टेवेयर का प्रयोग किया जाता है ताकि बायो बबल में रह रहे लोगों की ट्रैकिंग की जा सके. वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैच में सभी खिलाड़ियों और सदस्योों के ब्लूटुथ डिवाइस लगाया. स्टेडियम और होटेल को ब्लूटुथ डिवाइस से कनेक्ट किया गया ताकि सोशल डिस्टेंसिंग, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग इत्यादि किया जाए. आईपीएळ में भी यही तरीका अपनाया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस पर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किया जा रहा है.

बायो-बबल तोड़ने पर सख्त सजा

बीसीसीआई के मुताबिक, बायो-बबल तोड़ने वाले को आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत सजा दी जाएगी. अगर खिलाड़ी बायो-बबल तोड़ता है तो उसे कुछ मैच खेलने से रोका भी जा सकता है. इसको लेकर टीम फ्रेंचाइजी भी सख्त हैं. मसलन आरसीबी ने पहले से चेतावनी दे रखी है कि अगर किसी खिलाड़ी ने बायो-बबल तोड़ा तो उसे कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ सकता है. विराट कोहली सहित अन्य कप्तानों ने अपने खिलाड़ियों से नियम मानने का आग्रह किया है.

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क्या किसी को सजा मिली है?

बायो बबल का इतिहास बहुत पुराना नहीं है इसलिए इसके नियम तोड़ने के मामले काफी कम हैं. अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो खिलाड़ी बायो-बबल तोड़ चुके हैं. कोरोना काल में पहली बार खेली गई इंग्लैंड- वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान जोफ्रा आर्चर ने बायो-बबल तोड़ा था.

उसके बाद उन्हें ना सिर्फ कोरेंटिन में जाना पड़ा बल्कि वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट से बाहर भी कर दिया गया. इसके बाद इंग्लैंड दौरे पर गई पाकिस्तान टीम के खिलाड़ी मोहम्मद हफीज बायो-बबल तोड़कर परिवार से मिले तो उन्हें पांच दिन के लिए कोरेटिंन कर दिया गया. दो बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही टीम के साथ जुड़ने दिया गया.

बायो बबल कैसे काम करता है?

आईपीएल में हिस्सा ले रहे सभी खिलाड़ियों और सदस्यों का दो बार कोरोना टेस्ट हुआ. दिस शहर में वो पहुंचे वहां 7 दिन के लिए कोरेंटिन किया गया. इस दौरान तीन बार कोरोना टेस्ट हुए. जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वो इस बबल में शामिल हुए. कोरोना संबंधी नियमित जांच करने के साथ प्रतिदिन उनकी हेल्थ रिपोर्ट तैयार की गई. बबल में शामिल हर सदस्य को केवल ग्राउंड और उनके होटल में जाने की इजाजत है.

इसके अलावा ये किसी से नहीं मिल सकेंगे. यहां तक की अपने फैन्स, दोस्त और रिश्तेदारों से भी नहीं. टीवी ब्रॉडकास्ट में शामिल लोगों और बाकी स्टाफ को भी अलग बबल में रखा गया है. बबल में शामिल किसी भी व्यक्ति को टूर्नामेंट खत्म होने तक इसके बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. खिलाड़ियों की मौज मस्ती (फिल्म, ट्रेनिंग, स्पा, पार्टी, ड्रिंक इत्यादि) भी बायो बबल के अंदर ही होंगे.

Posted By: Utpal kant

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