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IPL 2022: आईपीएल में धोनी युग की समाप्ति, 12 सीजन में 9 बार चेन्नई को फाइनल तक पहुंचाया

एमएस धोनी के बिना चेन्नई सुपर किंग्स की कल्पना भी नहीं कोई कर सकता. ऐसा इसलिए क्योंकि धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने आईपीएल के चार खिताब जीते और 12 सीजन में 9 बार फाइनल का सफर तय किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2022 9:04 PM

महेंद्र सिंह धोनी (ms dhoni) के चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) की कप्तानी छोड़ने के साथ आईपीएल में एक युग की समाप्ति हो गयी. 14 वर्षों के बाद पहली बार धोनी के साथ कप्तान शब्द नहीं जुड़ा होगा. कप्तानी उनकी पहचान का एक अभिन्न हिस्सा बन गयी थी. धोनी ने चेन्नई के साथ 2008 में आईपीएल की यात्रा शुरू की थी. पहले ही सीजन में चेन्नई ने धोनी को अपना कप्तान चुन लिया था. उसके बाद धोनी ही टीम के अगुआ रहे.

धोनी की कप्तानी में 12 सीजन में 9 बार फाइनल में पहुंची चेन्नई सुपर किंग्स

एमएस धोनी के बिना चेन्नई सुपर किंग्स की कल्पना भी नहीं कोई कर सकता. ऐसा इसलिए क्योंकि धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने आईपीएल के चार खिताब जीते और 12 सीजन में 9 बार फाइनल का सफर तय किया. धोनी की कप्तानी दो चीजों पर आधारित रही – व्यावहारिक ज्ञान और स्वाभाविक प्रवृति. व्यावारिक समझ यह कि कभी भी टी20 क्रिकेट के मैचों को पेचीदा नहीं बनाना. स्वाभाविक प्रवृति में इस बात की स्पष्टता कि कौन खिलाड़ी कुछ विशेष भूमिका निभा सकता है और वह उनसे क्या कराना चाहते हैं धोनी ने कभी भी आंकड़ों, लंबी टीम बैठकों और अन्य लुभावनी रणनीतियों पर भरोसा नहीं किया. इसलिये उन्होंने आजमाये हुए भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर विश्वास दिखाया और खुद ही कुछ घरेलू खिलाड़ियों को तैयार भी किया.

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आईपीएल में चेन्नई की वापसी पर रो गये थे धोनी

सार्वजनिक मौके पर केवल एक बार ही धोनी की आंखे नम दिखी थीं और वो 2018 में सीएसके की आईपीएल में वापसी के दौरान थी. वह भावुक हो गये थे और टीम के साथ उनका जुड़ाव साफ देखा जा सकता था.

धोनी ने सही समय पर लिया सही फैसला, जडेजा को जिम्मेदारी सौंपी

धोनी के लिये सीएसके के हित से ज्यादा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है और यह फैसला भावना में बहकर नहीं बल्कि व्यावहारिक चीजों को देखकर लिया गया है. कप्तानी भले ही रविंद्र जडेजा को सौंप दी गयी है जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में कभी भी सौराष्ट्र की कप्तानी नहीं की है. लेकिन धोनी ने कप्तानी का पद छोड़ा है, पर नेतृत्वकर्ता की भूमिका नहीं. जडेजा भले ही पद संभालें लेकिन जिम्मेदारी झारखंड के इस अनुभवी धुरंधर के हाथों में ही होगी. धोनी को शायद महसूस हुआ होगा कि वह इस बार सभी मैच नहीं खेल पायेंगे, इसलिये उन्होंने लीग शुरू होने से दो दिन पहले यह फैसला किया.

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