अपनी स्थापना के बाद से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने हमेशा युवाओं को अपनी प्रतिभा की एक झलक दिखाने का मौका दिया है. लखनऊ सुपर जायंट्स ने सोमवार को आयुष बदोनी के रूप में एक बेहतरीन युवा प्रतिभा का पता लगाया. बदोनी ने पनी टीम को गुजरात टाइटंस के खिलाफ अनिश्चित स्थिति से बाहर निकाला. जब वानखेड़े में टीम बिखर गयी थी.
22 वर्षीय आयुष बदोनी छठे नंबर पर या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए आईपीएल की शुरुआत में 50 से अधिक स्कोर बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने. बदोनी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के क्रम में तीन छक्के और चार चौके लगाए और 41 गेंदों में 54 रन बनाए. उन्होंने दीपक हुड्डा के साथ अच्छी साझेदारी की. दीपक हुड्डा ने भी 44 गेंदों में छह चौके और दो छक्कों की मदद से 55 रन बनाए. बदोनी ने 38 गेंदों में अपना पहला आईपीएल अर्धशतक पूरा किया.
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जवाब में गुजरात टाइटंस ने 19.4 ओवर में राहुल तेवतिया की 24 गेंदों में नाबाद 40 रनों की पारी की बदौलत जीत दर्ज की. लखनऊ भले ही शुरुआती मुकाबला हार गया हो लेकिन बदोनी का नाम हर किसी की जुबान पर था. दाएं हाथ का बल्लेबाज, जिसने पहले दिल्ली के लिए सिर्फ एक टी-20 खेल में बल्लेबाजी की थी, तारक सिन्हा के सॉनेट क्लब से आता है. इस क्लब ने भारतीय क्रिकेट को ऋषभ पंत जैसा खिलाड़ी दिया है.
आयुष बदोनी ने 18 साल की उम्र में पहली बार अंडर-19 में सफलता का स्वाद चखा. उन्होंने 2018 में श्रीलंका अंडर -19 के खिलाफ एक टेस्ट में 202 गेंद में नाबाद 185 रन बनाए. बदोनी अंडर-19 विश्व कप के लिए भारत की टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उन्होंने श्रीलंका के ही खिलाफ अंडर-19 एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ प्रतियोगिता के फाइनल में 28 गेंदों में नाबाद 52 रन बनाए और भारत को 50 ओवरों में 300 रन के पार पहुंचाया.
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लखनऊ ने मेगा नीलामी में बदोनी को 20 लाख के आधार मूल्य पर खरीदा था. उन्हें बल्लेबाजी के लिए क्रुणाल पंड्या से आगे भेजा गया. बदोनी ने राशिद खान और लॉकी फर्ग्यूसन जैसे गेंदबाजों के खिलाफ छक्का लगाया. बडोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गौतम भैया ने मेरा बहुत समर्थन किया. उन्होंने मुझे सिर्फ अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि आपको एक-एक मैच नहीं मिलेगा, लेकिन आपको एक उचित रन मिलेगा. उन्होंने मुझसे यह भी कहा, आपको स्थिति के अनुसार खेलने की जरूरत नहीं है. ऐसा करने के लिए सीनियर खिलाड़ी हैं. आप हमें अपना स्वाभाविक खेल दिखाएं.
आयुष बदोनी ने कहा कि मेरा नाम लगातार तीन साल से आ रहा था और मैं हर बार बिना बिके जा रहा था. मैंने 2-3 टीमों के शिविरों में भाग लिया था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मुझे चुना जायेगा. लखनऊ ने आखिरकार मुझे चुना और मैं बहुत आभारी हूं. लखनऊ द्वारा चुने जाने के बाद, मेरे पास दो ट्रायल मैचों में पचास से अधिक के स्कोर थे. इससे गौतम भैया और कोच विजय सर और एंडी फ्लावर प्रभावित हुए और इसलिए उन्होंने मुझे क्रुणाल पांड्या से पहले भेजने का फैसला किया.
शिखर धवन (दिल्ली कैपिटल्स) – 2008
गौतम गंभीर (दिल्ली कैपिटल्स) – 2008
स्वप्निल असनोदकर (राजस्थान रॉयल्स) – 2008
शिवरामकृष्णन विद्युत (चेन्नई सुपर किंग्स) – 2008
श्रीवत्स गोस्वामी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) – 2008
अम्बाती रायडू (मुंबई इंडियंस) – 2010
केदार जाधव (दिल्ली कैपिटल्स) – 2010
देवदत्त पडिकल (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) – 2020
आयुष बदोनी (लखनऊ सुपर जायंट्स) – 2022