चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग में गुरुवार को यहां राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 32 रन की हार के बाद कहा कि उनकी टीम ने विरोधी टीम को प्रतिस्पर्धी स्कोर से अधिक रन बनाने दिये.
रॉयल्स के 203 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपरकिंग्स की टीम जंपा (22 रन पर तीन विकेट) और अश्विन (35 रन पर दो विकेट) की फिरकी के सामने शिवम दुबे (33 गेंद में 52 रन, दो चौके, चार छक्के) के अर्धशतक और रुतुराज गायकवाड़ (47) की उम्दा पारी के बावजूद छह विकेट पर 170 रन ही बना सकी.
रॉयल्स ने इससे पहले सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (43 गेंद में 77 रन, आठ चौके, चार छक्के) के अर्धशतक और ध्रुव जुरेल (15 गेंद में 34 रन, तीन चौके, दो छक्के) तथा देवदत्त पडिक्कल (13 गेंद में नाबाद 23, चार चौके) के बीच पांचवें विकेट के लिए 20 गेंद में 48 रन की साझेदारी से पांच विकेट पर 202 रन बनाये.
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘उन्होंने प्रतिस्पर्धी स्कोर से अधिक रन बनाये. हमने शुरुआती छह ओवर में उन्हें बहुत अधिक रन बनाने दिये. वहीं, तब विकेट बल्लेबाजी के लिए शानदार थी. गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन बल्ले का किनारा लेकर कई बाउंड्री लगी, कम से कम पांच या छह बार ऐसा हुआ और इसका असर पड़ा.’
धोनी ने कहा, ‘उन्होंने प्रतिस्पर्धी स्कोर से अधिक रन बनाए और हम बल्ले से पावर प्ले में अच्छी शुरुआत नहीं कर सके.’ मथीसा पथिराना ने चार ओवर में 48 रन लुटाए लेकिन धोनी ने कहा कि उन्होंने खराब गेंदबाजी नहीं की.
धोनी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पथिराना की गेंदबाजी अच्छी थी, उसने खराब गेंदबाजी नहीं की, मुझे लगता है कि स्कोरबोर्ड यह नहीं दर्शाता कि उसने कितनी अच्छी गेंदबाजी की.’ रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज यशस्वी की सराहना करते हुए धोनी ने कहा कि यशस्वी ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की.
धोनी ने कहा कि गेंदबाजों को निशाना बनाना और जोखिम लेना महत्वपूर्ण था. अंत में (ध्रुव) जुरेल ने अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन मुझे लगता है कि शुरुआती छह ओवर ने मैच हमारी पकड़ से दूर किया.
सवाई मानसिंह स्टेडियम के संदर्भ में धोनी ने कहा, ‘यह बहुत ही खास स्थान है, विशाखापत्तनम में मेरे पहले एकदिवसीय शतक ने मुझे 10 मैच दिये लेकिन मैंने यहां जो 183 रन बनाये उससे मुझे एक साल और मिल गया. यहां वापस आकर बहुत अच्छा लगा.’