पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर विदेशी खिलाड़ियों के रूझान को बदलने के लिए पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में सुधार करने की बात कही थी. भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने उनकी टिप्पणियों की अत्यधिक आलोचना की. राजा का बयान ऐसे समय में आया था जब बीसीसीआई अत्यधिक आकर्षक आईपीएल मीडिया अधिकारों के साथ बाजार में था. अब पीसीबी प्रमुख अपने बयान से पलट गये हैं.
रमीज राजा ने उस समय कहा था कि यह पैसे का खेल है. जब पाकिस्तान में क्रिकेट अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, तो हमारा सम्मान बढ़ेगा. उस वित्तीय अर्थव्यवस्था का मुख्य चालक पीएसएल होगा. अगर हम पीएसएल को नीलामी में लेते हैं. मॉडल, पर्स बढ़ाते हैं, फिर हम देखेंगे कि पीएसएल को छोड़कर कौन खिलाड़ी आईपीएल खेलने के लिए जाता है. रमीज राजा ने अब कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.
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रविवार को क्रिकबज से बात करते हुए पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने स्वीकार किया कि उन्हें गलत तरीके से उल्लेखित किया गया था और उन्हें दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में अंतर के बारे में पता है. रमीज राजा ने कहा कि मुझे पता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कहां है और पाकिस्तान कहां है. हमारी पीएसएल में सुधार करने की योजना है. हम नीलामी मॉडल लायेंगे लेकिन दूसरी तरफ मुझे गलत तरीके से पेश किया गया.
इस बीच, रमीज अगले सप्ताह दुबई में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड की बैठक में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को मिलाकर ‘चार देशों के टूर्नामेंट’ के प्रस्ताव को औपचारिक रूप से पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. राजा ने क्रिकबज से कहा कि मुझे नहीं पता कि आईसीसी के सदस्य इसे कैसे लेते हैं, लेकिन हम कब तक खुद को देशों के बीच की राजनीति से प्रभावित होने दे सकते हैं.
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स्टार स्पोर्ट्स ने पिछली आईसीसी बोर्ड बैठक में एक प्रस्तुति दी थी जिसमें उसने कहा था कि ट्वेंटी-20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के खेल ने सभी दर्शकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. भारत पिछले कई सालों से पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहा है. दोनों देशों के बीच तनाव के कारण ऐसा हुआ है. पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी आईपीएल में भी भाग नहीं लेता है.