मोंगूज बैट क्यों है फेमस, जो पहले वर्ल्ड कप विनिंग में आया था चर्चा में
साल 2010 में आईपीएल के दौरान बल्ला बनाने वाली कंपनी मोंगूज ने एन नए डिजाइन का बल्ला बनाया. क्रिकेट बल्ले के इस नए डिजाइन को ही ‘मोंगूज' कहा गया जो बड़ी तेजी से सुर्खियों में आया.
क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाजों का जलवा शुरुआत से ही कायम रहा है. बल्लेबाज अपने बैट से गेंदबाजों की जमकर खबर लेते हैं. वहीं फैंस को खेल में सबसे ज्यादा रोमांच तभी आता है. जब बल्लेबाज का बल्ला मैच में जमकर बोलता है. बल्ले से होने वाले धमाके को देखने के लिए स्टेडियम हाउसफुल हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको क्रिकेट जगत के एक ऐसे बैट के बारे में बताएंगे जो क्रिकेट की दुनिया में आते के साथ ही काफी सुर्खियों में आ गया.
कब आया मोंगूज बैट
साल 2010 में आईपीएल के दौरान बल्ला बनाने वाली कंपनी मोंगूज ने एन नए डिजाइन का बल्ला बनाया. क्रिकेट बल्ले के इस नए डिजाइन को ही ‘मोंगूज‘ कहा गया. क्रिकेट के इस बैट में हैंडल काफी लंबा होता था ताकि गेंद को हिट करने के लिए अधिक पावर जेनरेट हो सके और बड़े-बड़े शॉट लगाए जा सकें. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक अद्वितीय अल्प गुरुत्व केन्द्र बल्ले को अधिक तेज गति देता है और क्योंकि इसका ब्लेड छोटा होता है, इसलिए ब्लेड को समान वज़न के लिए मोटा बनाया जा सकता है. इस कारण ही इस बल्ले से कई बार मिस हिट किया गया शॉट भी बाउंड्री के पार जाता था.
किन खिलाड़ियों ने किया इसका उपयोग
इसका उपयोग क्रिकेट जगत में सबसे पहले मैथ्यू हेडन करते हुए नजर आएं थे. उन्होंने इस बैट का इस्तेमाल आईपीएल के दौरान ही किया था. वहीं उनके अलावा एंड्रयू साइमंड्स, स्टुआर्ट लॉ, ड्वेन स्मिथ और मोहम्मद अशरफुल जैसे खिलाड़ियों ने इस बैट का इस्तेमाल किया. हालांकि यह बैट अटैकिंग बैटिंग के लिए ही उपयोगी माना गया. टेस्ट में या सुरक्षात्मक बैटिंग के लिए इस बैट का उपयोग नहीं किया गया.
गौरतलब है कि क्रिकेट जगत में यह बैट जितनी जल्दी सुर्खियों में आया उतनी ही जल्दी यह गायब भी होगा. अब इस बल्ले का इस्तेमाल बैट्समैन नहीं करते हैं. हालांकि कुछ घरेलू टूर्नामेंट में इस बैट का इस्तेमाल होते देखा गया है.