एशिया कप और उसके बाद विश्व कप से पहले भारतीय टीम वनडे के लिए मध्य क्रम में विकल्प तलाश रही थी. बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान के बल्लेबाज की तलाश अब भी पूरी नहीं हुई. दोनों बड़े टूर्नामेंटों से पहले खिलाड़ियों को आजमाने का यह उनका अंतिम मौका था. इसी वजह से कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने वनडे सीरीज में बल्लेबाजी नहीं की.
भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन के कारण सीमित ओवर की दोनों श्रृंखला के विजेता का फैसला आखिरी मैच से हुआ. टीम को इस कारण से आलोचना का सामना भी करना पड़ा लेकिन इससे ईशान किशन, संजू सैमसन और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का पूरा मौका मिला.
सीरीज की शुरुआत से पहले सैमसन और किशन को विकेटकीपर के दावेदार के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इसके खत्म होने तक किशन ने टीम के रिजर्व सलामी बल्लेबाज के लिए अपना दावा मजबूत किया. एशिया कप में रोहित और शुभमन गिल पारी का आगाज करेंगे लेकिन किशन टीम के तीसरे सलामी बल्लेबाज हो सकते हैं.
रोहित की अनुपस्थिति ने किशन को तीनों वनडे मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिला और उन्होंने 52, 55 और 77 के स्कोर के साथ इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. टीम से लगातार अंदर बाहर होते रहने वाले सैमसन को दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दो पारियां (वनडे में) मिलीं और सीरीज के निर्णायक तीसरे वनडे मैच में 41 गेंदों में 51 रन की प्रभावशाली पारी से उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया.
लोकेश राहुल और श्रेयस अय्यर की अनुपस्थिति में सूर्यकुमार मध्यक्रम में उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. इस बल्लेबाज की क्षमता में हालांकि कोई कमी नहीं है और ऐसे टीम प्रबंधन एशिया कप में उन्हें आजमाना जारी रख सकता है. राहुल और अय्यर अगर फिटनेस हासिल कर ले तब भी 31 अगस्त से शुरू होने वाले एशिया कप के लिए उनका लय हासिल करना सवालों के घेरे में होगा.
रोहित ने पिछले सप्ताह देश वापसी पर कहा, ‘देखिए बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार स्थान पिछले लंबे समय से एक मसला बना हुआ है. युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद कोई भी अन्य खिलाड़ी इस नंबर पर अपना स्थान पक्का नहीं कर पाया. लेकिन पिछले कुछ समय से श्रेयस अय्यर नंबर चार पर बल्लेबाजी कर रहा था और उसने अच्छा प्रदर्शन भी किया. उसके आंकड़े वास्तव में शानदार हैं.’
रोहित ने कहा, ‘दुर्भाग्य से चोटिल होने के कारण वह परेशानी में रहा. चोटिल होने के कारण वह पिछले कुछ समय से बाहर है और ईमानदारी से कहूं तो पिछले चार-पांच वर्षों से ऐसा हो रहा है. इनमें से कई खिलाड़ी चोटिल हो गए और ऐसे में नए खिलाड़ी को उस स्थान पर बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा.’
इंडियन प्रीमियर लीग और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले 20 साल के तिलक वर्मा को इस दौरे पर सिर्फ टी20 टीम में जगह दी गयी थी. इस खब्बू बल्लेबाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर धैर्य और परिपक्वता से प्रभावित किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अल्जारी जोसेफ जैसे तेज गेंदबाज के खिलाफ लगातार छक्के मार कर उन्होंने अपने बेखौफ होने का परिचय दिया.
तिलक ने श्रृंखला में भारतीय टीम की वापसी में अहम भूमिका निभाई. टीम को हालांकि रविवार को निर्णायक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. स्पिन गेंदबाजी विभाग में कुलदीप यादव ने एक बार फिर टीम के लिए खुद की अहमियत को साबित किया. बायें हाथ के कलाई के इस स्पिनर ने एकदिवसीय श्रृंखला में सात विकेट लिए जिसमें बीच के ओवरों में टीम के लिए विकेट झटकना शामिल है. वह इस दौरान युजवेंद्र चहल से बेहतर साबित हुए.
तेज गेंदबाजी विभाग में मुकेश कुमार के रूप में टीम को एक अच्छा विकल्प मिला. मुकेश ने धीमी पिचों में अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया. उमरान मलिक को दौरे पर ज्यादा मौके नहीं मिले और जो मिले भी उसमें वह खुद को साबित नहीं कर सके. उमरान को यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता के लिए सिर्फ गति नहीं सही लाइन-लेंथ की जरूरत होगी.