JSCA ने NRI को बना दिया लाइफ टाइम मेंबर, 30 साल पहले रांची से इंग्लैंड जाकर बसे थे डॉ प्रकाश सहाय
Jharkhand Sports: जेएससीए के बायलॉज के अनुसार वही व्यक्ति जेएससीए का आजीवन सदस्य बन सकता है, जो झारखंड राज्य का निवासी हो और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो. वहीं, देश या देश के बाहर रहनेवाले वैसे लोग, जिन्होंने खेल, खास कर क्रिकेट के क्षेत्र में योगदान किया हो.
सुनील कुमार, रांची: 30 साल पहले भारत (झारखंड) छोड़ चुके डॉक्टर और उनके पुत्र को झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) ने लाइफ टाइम मेंबर बना दिया. प्लाजा चौक (अमान्या हाउस, ईस्ट जेल रोड) के रहनेवाले डॉ प्रकाश सहाय अपने परिवार संग 30 साल पहले इंग्लैंड चले गये और वहीं बस गये. अप्रैल 2020 में जेएससीए ने उनसे संपर्क साधा और उन्हें (डॉ प्रकाश सहाय/मेंबरशिप नंबर 1946) और उनके पुत्र डॉक्टर राहुल सहाय (मेंबरशिप नंबर 1947) को संघ का आजीवन सदस्य बना दिया. इसका खुलासा अब हुआ है.
मानद सदस्यता दी जाती है
2020 में ही झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) ने सिद्धार्थ सिंह, अभिषेक प्रसाद, समिंदर सिंह सलूजा, मनोज कुमार (स्व अमिताभ चौधरी के बॉडीगार्ड), चरणजीत कौर और प्रिया ओझा (मीडिया मैनेजर, जेएससीए) को भी आजीवन सदस्यता प्रदान की. जेएससीए के बायलॉज के अनुसार वही व्यक्ति जेएससीए का आजीवन सदस्य बन सकता है, जो झारखंड राज्य का निवासी हो और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो. वहीं, देश या देश के बाहर रहनेवाले वैसे लोग, जिन्होंने खेल, खास कर क्रिकेट के क्षेत्र में योगदान किया हो, उन्हें संघ की ओर से ऑनरेरी मेंबरशिप (मानद सदस्यता) दी जाती है.
एजीएम में इसका जिक्र नहीं
लाइफ मेंबरशिप देने के लिए वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की कमेटी ऑफ मैनेजमेंट में जेएससीए का अध्यक्ष नये सदस्यों के नामों का प्रस्ताव रखता है. पर तत्कालीन अध्यक्ष डॉ नफीस अख्तर ने मिनट्स में सिर्फ छह (सिद्धार्थ सिंह, अभिषेक प्रसाद, समिंदर सिंह सलूजा, मनोज कुमार (स्व अमिताभ चौधरी के बॉडीगार्ड), चरणजीत कौर और प्रिया ओझा (मीडिया मैनेजर, जेएससीए) के नाम रखे. डॉ प्रकाश सहाय और डॉ राहुल सहाय का नाम इसमें शामिल नहीं था. इसके बावजूद संघ ने डॉ पिता-पुत्र काे आजीवन सदस्यता प्रदान कर दी. जेएससीए की एनुअल रिपोर्ट की मानें, तो उसके अकाउंट हेड में भी डॉ पिता-पुत्र से सदस्यता शुल्क लेने की किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
संजीव सिंह 2017 से जेल में, फिर भी मेंबरशिप बरकरार?
जेएससीए बायलॉज के अनुसार, संघ के वैसे सदस्य, जो तीन एजीएम में उपस्थित नहीं रहते हैं, उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है. इनमें झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अपवाद हैं. संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या मामले में जुलाई 2017 से जेल में हैं. इन छह सालों में वह जेएससीए की एक भी एजीएम में शामिल नहीं हुए. इसके बावजूद उनकी सदस्यता बरकरार है.
कई अप्रवासी भारतीय (एनआरआइ) झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के सदस्य हैं. जहां तक डॉक्टर प्रकाश सहाय और उनके पुत्र डॉक्टर राहुल सहाय का मामला है, रांची के प्लाजा चौक के समीप उनका घर है, इसलिए उन्हें काफी पहले ही जेएससीए की मेंबरशिप दी गयी है. हालांकि मुझे इस बारे में बहुत ज्यादा आइडिया नहीं है. इसके लिए मुझे संघ के नियम देखने होंगे.
संजय सहाय, अध्यक्ष, जेएससीए