टीम इंडिया का चीफ कोच बनना चाहते हैं जस्टिन लैंगर, BCCI को भेजा खास संदेश
BCCI ने टीम इंडिया के चीफ कोच के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. राहुल द्रविड़ का चीफ कोच के रूप में कार्यकाल आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के बाद समाप्त हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज जस्टन लैंगर भारतीय टीम का कोच बनना चाहते हैं.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के नये चीफ कोच के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल ICC T20 World Cup 2024 के बाद समाप्त हो रहा है. हालांकि द्रविड़ फिर से चीफ कोच के लिए आवेदन कर सकते हैं. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि द्रविड़ का कार्यकाल और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन वह मुख्य कोच के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने इस बात से भी इनकार नहीं किया है कि बीसीसीआई विदेशी कोच नहीं रखेगा. शाह के विदेशी कोच वाले बयान के बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज और सबसे बेहतरीन विदेशी कोचों में से एक जस्टिन लैंगर टीम इंडिया का मुख्य कोच बनना चाहते हैं. लैंगर ने कभी ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी मार्गदर्शन किया है.
भारत का कोच बनना असाधारण
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में जस्टिन लैंगर ने कहा कि उन्होंने भारत के मुख्य कोच की भूमिका के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है, लेकिन यह नौकरी वास्तव में उनके लिए असाधारण और आकर्षक होगी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मैं उत्सुक हूं. मैंने इसके बारे में कभी सोचा नहीं है. मेरे मन में किसी भी अंतरराष्ट्रीय कोच के प्रति गहरा सम्मान है क्योंकि मैं दबाव को समझता हूं, लेकिन भारतीय टीम को कोचिंग देना एक असाधारण भूमिका होगी. राहुल द्रविड़ ने अब तक खुलासा नहीं किया है कि वह चीफ कोच के लिए आवेदन करेंगे या नहीं.
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भारत में अद्भुत है प्रतिभा
लैंगर ने का कि मैंने जितना देखा है उससे पता चलता है कि इस देश में जो प्रतिभा है, वह अद्भुत है. लैंगर से जब असफलताओं से निपटने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कोच की मानसिकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि लोग विफलता के डर के बारे में सोचते हैं. मैं 28 साल की उम्र तक इस डर के साथ रहा. यह आपको प्रेरित भी कर सकता है, लेकिन विफलता के डर की दुनिया में रहना खतरनाक है.
बड़े खिलाड़ी भी असफलता से डरते हैं
मैंने स्टीव वॉ को यह झेलते हुए देखा है. वह एक रन मशीन थे लेकिन वह असफलताओं के दौर से गुजर रहे थे. लैंगर ने उनके बारे में बात करते हुए आगे कहा कि वह जोहान्सबर्ग में स्टंप्स से ठीक पहले आउट हो गए थे. उसके बाद मैं उनके पास गया और उनसे पूछा कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं, कैप्टन. उन्होंने कहा कि बहुत बकवास. इससे पता चलता है कि महान लोगों को भी संदेह और असुरक्षाएं होती हैं. यही मनुष्य का स्वभाव है. इससे निपटना सबसे जरूरी होता है.