केएल राहुल चोट के बाद बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन से गुजरे और अब एशिया कप में खेलने के लिए फिट हो गए. वह हालांकि हल्की चोट के कारण श्रीलंका में चल रहे इस टूर्नामेंट के शुरुआती दो मैच में नहीं खेल पाए. राहुल का हालांकि चार सितंबर को दोबारा आकलन किया गया और उन्हें इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए कैंडी में भारतीय टीम से जुड़ने की स्वीकृति मिल गई.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा रविवार को पोस्ट किए गए वीडियो में राहुल ने कहा, ‘कई बार आप मानसिक लड़ाई भी लड़ते हो जहां आप हमेशा सोचते हो कि मुझे दर्द हो सकता है. और जब आप इस मानसिकता में होते हो तो कौशल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए सबसे बड़ी चुनौती चीजों से जुड़े इस डर और दर्द से पार पाना होती है.’
राहुल ने कहा कि विकेटकीपिंग के लिए जांघ में काफी मजबूती की जरूरत होती है और रिहैबिलिटेशन से गुजरते समय उनके मन में सबसे बड़ा सवाल यह था कि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद वह दोबारा इस भूमिका के लिए खुद को कैसे समझाएंगे. उन्होंने कहा, ‘बड़ी बात यह थी कि मैं अपने शरीर को लेकर आत्मविश्वास महसूस करूं और उन मूवमेंट में दर्द से मुक्त रहूं जिनमें बहुत अधिक जोर लगाने की आवश्यकता होती है. विशेषकर, मुझे पता था कि वापस आकर मुझे विकेटकीपिंग भी करनी होगी.’
राहुल ने कहा, ‘और यह फिजियो और मेरे लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक था, मेरे दिमाग में एक बड़ा सवालिया निशान था कि जांघ की चोट के कारण वापसी करते हुए मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती विकेटकीपिंग होगी. जब आप विकेटकीपिंग करते हैं तो हर गेंद पर आपको झुककर बैठना होता है. तो आपको अपनी जांघ में बहुत अधिक ताकत की आवश्यकता होती है. जरूरत होती है कि आपका शरीर आपका समर्थन करे और आप दर्द मुक्त रहें.’
राहुल ने उन फिजियो के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कठिन दौर में उनका मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘और एक बार जब आप इससे गुजरते हैं (दर्द मुक्त हो जाते हैं), यह तभी हो सकता है जब आप कदम दर कदम उठाते हैं. और जैसा कि मैंने कहा, मैं एनसीए में कुछ बहुत अच्छे फिजियो और ट्रेनर के मार्गदर्शन में था. उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया और वे जानते थे कि कब मुझे जोर लगाना है और कब पीछे हटना है.’
इस क्रिकेटर ने कहा कि वह बिना किसी समस्या के आराम से गेंद के पीछे भाग रहे थे लेकिन चोट लग गई है और शुरुआत में उन्हें लगा कि यह कुछ हफ्तों में ठीक को जाएगी. उन्होंने कहा, ‘मैं गेंद को पकड़ने का प्रयास कर रहा था और मेरे टेंडन में चोट लग गई. मुझे काफी अधिक चोट लगी और मेरी जांघ में टेंडन फट गया. इसलिए जब यह हुआ तो बेशक मैं, मेरा परिवार, फ्रेंचाइजी, टीम, सभी दुआ कर रहे थे कि यह बड़ी चोट नहीं हो… यह छोटा-मोटा खिंचाव हो या मैं कुछ हफ्तों में ठीक हो जाऊं.’
राहुल ने कहा, ‘लेकिन जब हमने कुछ दिनों में स्कैन किया तो हमें पता चला कि यह पूरी तरह से फट गया था और यह बिल्कुल स्पष्ट था कि इससे उबरने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ेगी.’ उन्होंने कहा, ‘फिजियो को तुरंत पता चल गया था कि सर्जरी ही एकमात्र रास्ता है और हमें यही रास्ता अपनाना था. यह सब बहुत जल्दी हुआ.’ राहुल ने कहा कि एक बार मानसिक बाधा पार हो जाने के बाद वह अपने क्रिकेट कौशल पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे और एशिया कप की कठिनाइयों के लिए तैयार हो सकते थे.
उन्होंने कहा, ‘एक बार ऐसा हुआ तो फिर कौशल पर ध्यान दिया. मैंने दौड़ना और बाकी चीजें करना शुरू किया. लेकिन फिर दुर्भाग्य से ऐसा करने की प्रक्रिया में, टीम में वापस आने से ठीक पहले मुझे एक छोटी सी चोट लगी.’ राहुल ने कहा, ‘मुझे लगा था कि मैं एशिया कप से काफी पहले वापसी कर सकता हूं और खुद को काफी समय दे सकता हूं और खुद को वास्तव में अच्छी तरह से तैयार कर सकता हूं. लेकिन दुर्भाग्य से, एक और समस्या ने मुझे कुछ हफ्ते पीछे कर दिया.’
इस क्रिकेटर ने कहा कि वह मैदान पर वापसी करने में सफल रहे क्योंकि उन्होंने अपने शरीर को ‘ठीक होने के लिए पर्याप्त समय’ दिया. राहुल ने कहा, ‘बेशक मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं. टीम के साथ वापस आकर अच्छा लग रहा है. मैं काफी समय तक खेल से दूर रहा लेकिन लेकिन हां, मैं वापस आकर खुश हूं… सब कुछ सही समय पर हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उसे (एशिया कप और विश्व कप) लेकर बहुत उत्साहित हूं और आशा करता हूं कि यह सब अच्छा होगा. मैंने वास्तव में अच्छी तैयारी की है, मैं अपने बारे में आश्वस्त हूं.’