जानिए धौनी के पांच सबसे सफल रन चेज के बारे में, 3 बार तो छक्के के साथ किया गेम ओवर

महेंद्र सिंह धौनी को दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर के नाम से जाना जाता है, आइए जानते हैं महेंद्र सिंह धौनी के पांच सबसे सफल चेज के बारे में

By Sameer Oraon | May 7, 2020 8:20 PM

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर के नाम से जाना जाता है, इस बात को दिग्गजों ने भी माना है कि महेंद्र सिंह धौनी दुनिया के बेस्ट फिनिशर हैं, हाल ही ऑस्ट्रेलिया के मिस्टर क्रिकेट कहे जाने वाले माइक हस्सी ने भी कहा था कि धौनी आज के इस समय में सबसे अच्छे फिनिशर हैं. पूर्व अस्ट्रेलियाई खिलाड़ी माइकल बेवेन ने कहा था कि धौनी आज के इस दौर में सबसे बेहतरीन फिनिशर हैं. अगर उनके आंकड़ों पर भी नजर डाले तो हम पाएंगे कि रन चेज के मामले में धौनी से बेहतर कोई नहीं है. धौनी ने रन चेज करते हुए 75 पारियों में 47 बार नाबाद रहे हैं और 102.71 की लाजवाब औसत से 2876 रन बनाए हैं. आइए जानते हैं महेंद्र सिंह धौनी के पांच सबसे सफल चेज के बारे में

5. 2005 का जयपुर वनडे. श्रीलंका ने पहले खेलते हुए कुमार संगकारा के शतक की बदौलत 50 ओवर में 299 रन का स्कोर खड़ा किया. जवाबी पारी खेलने उतरी भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और भारतीय टीम ने सचिन का विकेट बहुत जल्दी गंवा दिया. और तुरंत ही धौनी को नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने क्रीज पर आना पड़ा. उससे पहले धौनी ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन बना चुके थे. लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि आज धौनी एक और रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं, धौनी को इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ा कि भारत का 1 विकेट गिर चुका है वो अपने ही अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 183 रन बना डाले और छक्के के साथ उस मैच को खत्म किया. उन्होंने उस पारी में 15 चौके और 10 छक्के लगाए थे. उसके द्वारा बनाया गया ये रन आज भी किसी विकेट कीपर बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे ज्यादा है. उससे पहले ये रिकॉर्ड एडम गिलक्रिस्ट के नाम था.

4. भारत और श्रीलंका के बीच 2013 में त्रिकोणीय सीरीज का फाइनल मुकाबला खेला गया था, इस टूर्नामेंट का आयोजन वेस्टइंडीज में हुआ था. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 201 रन बनाए. भले ही ये आसान मैच लग रहा था लेकिन श्रीलंका ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के बलबूते भारत के चार विकेट जल्दी जल्दी झटक लिए थे उस वक्त टीम का स्कोर 100 रन भी नहीं पहुँच पाया था. लेकिन उसी वक्त धौनी बैटिंग करने आए और एक छोर पर विकेट बचाए रखा. हालांकि दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे लेकिन धौनी ने मोर्चा संभाले रखा. एक वक्त ऐसा आया कि भारत के 9 विकेट गिर चुके थे और भारत को जीत के लिए 20 गेंदों पर 23 रन बनाने थे. क्रीज पर धौनी के अलावा इशान्त शर्मा थे. इशान्त शर्मा को वो स्ट्राइक नहीं दे रहे थे और ज़्यादतर स्ट्राइक अपने पास रखते थे. अंत में भारत को 6 गेंदों पर 16 रन बनाने थे, धौनी ने 2 छक्के और 1 चौके लगाते हुए 16 रन बना कर मैच को भारत के पाले में डाल दिया. उन्होंने छक्के के साथ ही इस मैच को खत्म किया.

3. 2006 में भारत पाकिस्तान के दौरे पर गया था. ये उस सीरीज का तीसरा मैच था. उससे पहले दोनों टीमें 1-1 मैच जीत कर बराबरी पर थी, तीसरे मैच में पाक ने 280 रन का स्कोर खड़ा किया था. लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत ने अपने 2 विकेट सिर्फ 12 रन के स्कोर पर गंवा दिए. लेकिन सचिन और युवराज ने मोर्चा संभाले रखा था, लेकिन एक वक्त भारत 190 रन पर 5 विकेट गंवा चुका था, क्रीज पर उस वक्त केवल युवराज सिंह ही थे. सचिन 90 रन के स्कोर पर अपना विकेट गंवा दिया था. लेकिन तभी धौनी बल्लेबाजी करने उतरे और शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 46 गेंदों पर 72 बना डाले. भारत ये मैच 14 गेंद शेष रहते हुए जीत लिया.

2. 2012 का सीबी सीरीज, ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 269 रन बनाए थे, गौतम गंभीर ने टीम को शानदार शुरुआत दिलाई, लेकिन मैच आखिर तक जाते जाते भारत को 6 गेंदों पर 13 रनों की दरकार थी. क्रीज पर धौनी के साथ रवींद्र जडेजा थे, उस मैच में जब धौनी बल्लेबाजी करने आए तब उनके बल्ले में गेंद ठीक से आ नहीं रही थी. लेकिन धौनी ने ये मैच 2 गेंद शेष रहते जीता दिया था. क्लिंट मैक्के जो उस मैच में शानदार गेंदबाजी कर रहे थे उनकी तीसरी गेंद पर छक्का लगा दिया लेकिन अगली ही गेंद पर वो आउट हो गए. गनीमत से नो बॉल निकली. ओवर की चौथी गेंद पर धौनी ने तीन रन दौड़कर टीम को जीत दिला दी.

1. 2011 के फाइनल में धौनी के द्वारा मारा गया छक्का शायद ही कोई भूल पाए. श्रीलंका ने उस मैच में महेला जयवर्धने के शानदार शतक की बदौलत 275 रनों का स्कोर खड़ा किया. जवाबी पारी खेलने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और सहवाग पारी के दूसरे ओवर में पगबाधा आउट हो गए, उसके कुछ देर बाद ही सचिन भी आउट हो गए. भारत 31 रन पर 2 विकेट गंवा कर संघर्ष कर रहा था. कोहली और गंभीर ने मिलकर पारी को संभालने की कोशिश जरूर की लेकिन कोहली भी 35 रन बना कर आउट हो गए. सभी को उम्मीद थी कि शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह बल्लेबाजी के लिए आएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं और खराब फॉर्म में चल रहे धौनी ने क्रीज पर कदम रख दिया. और उन्होंने गंभीर के साथ मिल कर टीम को संभाल लिया, गंभीर 97 रन बनाकर आउट हो गए लेकिन धौनी की नजरें तब तक जम चुकी थी और वो शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे. अंत में उन्होंने 11 गेंद शेष रहते मैच को भारत के नाम कर दिया. उस वक्त रवि शास्त्री कमेंट्री कर रहे थे. जैसे ही धौनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाया. उस वक्त स्टेडियम से एक ही आवाज आई Dhoni finishes off in style.

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