विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद क्रिकटरों को टीम में बने रहने के लिए फिटनेस को काफी जरूरी चीज बना दिया गया है. विराट कोहली का फिटनेस लेवल खुद भी दूसरे खिलाड़ियों के लिए एक नया मापदंड बन गया है, कई बार इस बात को लेकर विवाद उठा है कि टीम में बने रहने के लिए उम्र मायने रखता है या फिर खिलाड़ी का युवा होना.
अब इस बात पर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने इस पर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा है कि टीम में चयन का पैमाना फिटनेस ही होना चाहिए. उम्र नहीं. उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा है कि जो अच्छा है उसे मौका दिया जाए, इस में उम्र आड़े नहीं आना चाहिए. ऐसे नहीं होना चाहिए कि सिर्फ युवाओं को ही मौका मिलता रहे. अगर ऋद्धिमान साहा खेलने के लिए फिट हैं तो उन्हें मौका दिया जाए, लेकिन इसी तरह अगर पंत फिट हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए. हालांकि इसका फैसला टीम प्रबंधन पर छोड़ दें.
सचिन ने आगे कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि साहा को पंत से आगे रखना चाहिए या पंत को साहा से आगे रखना चाहिए. इसका फैसला टीम प्रबंधन को करने दीजिए. ’
शतकों का शतक लगाने वाले इस महान खिलाड़ी ने कहा कि मैं अपनी बात छोटी करते हुए कहता हूं कि अगर कोई पूरी तरह फिट है तो उन्हें मौका दिया जाए इसमें कभी भी उम्र को नहीं देखा जाना चाहिए. आपको बता दें कि इस महान खिलाड़ी ने कोविड-19 से लड़ने के लिए भी अपना हाथ आगे बढ़ाया है
अगर हम सचिन की बात को ही मान के चले तो अभी भी पूर्व कप्तान एमएस धौनी के अंदर काफी क्रिकेट बाकी है. कई बार लोग भले ही उनके खेलने को लेकर सवाल उठाते हैं. लेकिन विकेट के बीच उनकी दौड़ को देखें तो वो अभी भी कई युवा खिलाड़ियों को आसानी से मात दे सकते हैं, सचिन की बातों को ही अगर आधार मान कर टीम में खिलाड़ियों का चयन करें तो एमएस धौनी में अभी भी टीम इंडिया के लिए वापसी करने का दम है.
कुछ साल पहले ही भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि 36 साल के धौनी 26 साल के युवाओं की तरह जोश रखते हैं. जबकि अगर हम उनकी बल्लेबाजी की ही बात करें तो वो अभी भी पहले की तरह ही लंबे लंबे छक्के लगा सकते हैं इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि उनके साथी खिलाड़ी सुरेश रैना ने किया था उन्होंने कहा था कि वो अभी भी पहले की तरह ही खेल रहे हैं और उसी तरह लंबे लंबे शॉट खेल रहे हैं जिसके लिए वो हमेशा से जाने जाते रहे हैं. अगर इस साल उनके विश्व कप के कुछ मैचों को छोड़ दें तो वो बल्ले से भी टीम इंडिया के लिए मददगार साबित हुए हैं. वर्ल्ड कप के मैचों से पहले तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से नवाजा गया था.