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धौनी के कट्टर समर्थक ‘पाकिस्तानी चाचा’ ने भी लिया संन्यास, कहा- अब नहीं देखूंगा कोई भी मैच

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (Mahendra Singh Dhoni) के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कराची में जन्मे मोहम्मद बशीर बोजाई (Chacha Chicago) ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की प्रतियोगिताओं में भारत-पाकिस्तान (India Pakistan Match) के बीच होने वाले मुकाबले के लिए नहीं जाने का फैसला किया है. 'चाचा शिकागो' के नाम से मशहूर बशीर के लिए दुनिया भर में इन चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों को खेलते हुए देखने का अब कोई मतलब नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2020 6:26 PM

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (Mahendra Singh Dhoni) के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कराची में जन्मे मोहम्मद बशीर बोजाई (Chacha Chicago) ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की प्रतियोगिताओं में भारत-पाकिस्तान (India Pakistan Match) के बीच होने वाले मुकाबले के लिए नहीं जाने का फैसला किया है. ‘चाचा शिकागो’ के नाम से मशहूर बशीर के लिए दुनिया भर में इन चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों को खेलते हुए देखने का अब कोई मतलब नहीं है.

बशीर को धौनी की हौसलाअफजाई के दौरान पाकिस्तानी समर्थकों की अभद्र टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ा था. बशीर इसकी जगह अब रांची में धौनी से मिलने की योजना बना रहे हैं. बशीर शिकागो में रेस्टोरेंट चलाते हैं और उन्होंने वहां से पीटीआई से कहा, ‘धौनी ने संन्यास ले लिया है और मैंने भी. उसके नहीं खेलने के कारण मुझे नहीं लगता कि अब मैं क्रिकेट देखने के लिए दोबारा यात्रा करूंगा. मैं उससे प्यार करता हूं और बदले में उसने मुझे वापस प्यार दिया.’

उन्होंने कहा, ‘सभी महान खिलाड़ियों को एक दिन संन्यास लेना होता है लेकिन उसके संन्यास ने मुझे दुखी कर दिया. वह शानदार विदाई का हकदार था लेकिन वह इससे कहीं बढ़कर है.’ बशीर और धौनी के बीच रिश्ता दोनों देशों के बीच 2011 विश्व कप सेमीफाइनल के बाद और मजबूत हुआ. मोहाली में होने वाले टूर्नामेंट के संभवत: सबसे बड़े मुकाबले के लिए टिकट मिलना आसान नहीं था, लेकिन धौनी ने 65 साल के बशीर के लिए टिकट का इंतजाम किया.

धौनी को खेलते देखने के लिए कर चुके हैं दुनिया भर की यात्रा

तीन बार दिल के दौरे का सामना कर चुके और धौनी को देखने के लिए दुनिया भर की यात्रा करने वाले बशीर के लिए अब क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहा. अब वह स्टेडियम में मैच नहीं देखेंगे तो उनका अगला पड़ाव रांची है. उन्होंने कहा, ‘चीजें सामान्य (कोविड-19 महामारी के बाद) होने पर मैं रांची में उसके घर जाऊंगा. उसे भविष्य की शुभकामनाएं देने के लिए मैं कम से कम इतना तो कर सकता हूं. मैं राम बाबू (मोहाली का एक अन्य सुपर फैन) को भी आने को कहूंगा.’

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बशीर की पत्नी भारत के हैदराबाद की रहने वाली हैं और वह जनवरी में ही वहां गये थे. उन्होंने कहा, ‘मैं उसे (धौनी) को देखने के लिए आईपीएल में जाना चाहता था लेकिन यात्रा पाबंदियां हैं और मेरे हृदय की हालत को देखते हुए ऐसा करना सुरक्षित नहीं होगा.’ बशीर ने कहा कि धौनी के साथ उनके रिश्ते को जो चीज मजबूत बनानी है वह यह है कि टूर्नामेंटों के दौरान वे कभी अधिक बात नहीं करते लेकिन भारतीय दिग्गज उनके कहने से पहले ही उनकी मदद के लिए तैयार रहता है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ मौकों पर मुझे उसके साथ बात करने का कुछ मौका मिला लेकिन 2019 (आईसीसी क्रिकेट विश्व कप) में हम अधिक बात नहीं कर पाए. लेकिन हमेशा की तरह उन्होंने मेरे लिए टिकट का इंतजाम किया.’ बशीर ने कहा, ‘2018 एशिया कप के दौरान वह मुझे अपने कमरे में ले गये और मुझे अपनी जर्सी दी. यह विशेष था, उन दो बार की तरह जब उसने मुझे अपना बल्ला दिया था.’

…जब धौनी ने धूप से बचने के लिए स्टेडियम में दिये सनग्लास

धोनी से जुड़े सबसे यादगार पल के बारे में पूछने पर बशीर ने बताया, ‘2015 विश्व कप की इस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता. मैं सिडनी में मैच देखने के लिए पहुंचा था और धूप में बैठा था, काफी अधिक गर्मी थी.’ उन्होंने कहा, ‘तभी अचानक सुरेश रैना आये और मुझे सनग्लास दिए. उसने कहा कि यह धौनी भाई ने दिये हैं, मैंने नहीं. मैं उसे देखकर मुस्कुरा दिया.’

धौनी के प्रति प्यार के कारण बशीर खुले दिल से भारत की हौसलाअफजाई करते हैं और इसके लिए उन्हें कभी कभी पाकिस्तान प्रशंसकों की अभद्रता का भी सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया, ‘एक बार बर्मिंघम में पाकिस्तानी प्रशंसकों ने मुझ पर काफी अपमानजनक टिप्पणियां की और मुझे गद्दार तक कहा. मुझे इन चीजों की अनदेखी करनी होती है. मैं दोनों देशों से प्यार करता हूं और वैसे भी मानवता पहले आती है.’

Posted By : Amlesh Nandan Sinha.

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