लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया (Team India) के शानदार जीत हासिल की और इस जीत में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने अहम किरदार निभाया था. शमी ने ना सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन करते हुए शानदार अर्धशतक लगाया था. लेकिन एक वक्त ऐसा भी थी जब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहने का मन बना लिया था. एक वक्त ऐसा था जब मोहम्मद शमी ने खुदकुशी करने का फैसला कर लिया था. उन्हें एक बार नहीं, बल्कि तीन बार ऐसा लगा था कि, अब बस बहुत हो गया. मुझे अपनी जिंदगी खत्म कर लेनी चाहिये.
मोहम्मद शमी ने साल 2020 में हैरान करने वाला खुलासा किया. शमी ने बताया था ‘मैं 2015 वर्ल्ड कप में ज़ख्मी हो गया था. इसके बाद मुझे टीम में वापसी करने में 18 महीने लगे और वह मेरी ज़िंदगी का सबसे मुश्किल दौरा था.’ यह सब चल ही रहा था कि, इन सबके बीच आईपीएल से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था. इधर मीडिया मेरी पर्सनल लाइफ को लेकर बहुत कुछ चल रहा था. मोहम्मद समी ने कहा कि परिवार द्वारा मिली हिम्मत से वो फिर से वापसी कर पायें.
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें परिवार का साथ नहीं मिलता तो वे क्रिकेट छोड़ देते. उन्होंने बताया कि मैं इतना डिप्रेसन में कि मेरी हालत को समझते हुए मेरे परिवार में से किसी को मेरे पर नजर रखने के लिए मेरे पास बैठना होता था. मेरा घर 24वें माले पर था और हमेशा उन्हे डर सताता था कि कहीं मैं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं. इसके बाद शमी ने बताया कि जब मैं दोबारा मैदान में उतरा तब मेरे निजी जीवन में उतार चढ़ाव शुरु हो गये. वर्ष 2018 में मोहम्मद शमी की पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी. पर इस समय भी परिवार उनके साथ खड़ा रहा, जिसके कारण वो इन चुनौतियों से लड़ पाये.