कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में एक युवा भारतीय टीम ने 2007 में उद्घाटन टी20 विश्व कप जीता था. टीम इंडिया ने एक रोमांचक फाइनल मुकाबले में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5 रन से हराया था. आखिरी खिलाड़ी पाकिस्तान के बल्लेबाज मिस्बाह-उल-हक को एस श्रीांत ने बाउंड्री पर लपक लिया था. 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम के नौ विकेट गिर चुके थे. उसे आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे लेकिन वह 10 विकेट के नुकसान पर 152 रन ही बना सका.
भारत के खिलाफ 2007 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल से जुड़े सनसनीखेज खुलासे में पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान शोएब मलिक ने कहा कि सीनियर भारतीय गेंदबाज मिसबाह को आखिरी ओवर डालने से डर रहे थे. मलिक ने कहा कि एमएस धोनी ने सबसे मिन्नतें की लेकिन सभी ने मना कर दिया और अंतिम ओवर जोगिंदर शर्मा ने फेंका. इस ओवर ने जोगिंदर को टूर्नामेंट का हीरो बना दिया.
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मलिक ने ए स्पोर्ट्स पर कहा कि मैं नाम नहीं लूंगा. भारत के हर मुख्य गेंदबाज का एक ओवर बचा था. धोनी ने सबसे पूछा, लेकिन कोई भी प्रमुख गेंदबाज आखिरी ओवर डालने के लिए तैयार नहीं हुआ. वे मिसबाह को गेंदबाजी करने से डर रहे थे. वह पूरे मैदान में शॉट लगा रहा था. लोग हमेशा मिसबाह के स्कूप शॉट की बात करते हैं. मैं आपको बता रहा हूं, अगर यह आखिरी विकेट नहीं होता तो उसने उसे जमीन पर मार दिया होगा. वह पहले ही उस ओवर में जोगिंदर को एक बड़ा छक्का मार चुके थे.
2007 के फाइनल के आखिरी ओवर में बहुत सारे मोड़ आये थे जिसने दोनों टीमों के प्रशंसकों को अपनी सीटों से बांधे रखा. अंतिम ओवर की शुरुआत में, पाकिस्तान 145/9 था और भारत को विश्व कप जीतने के लिए सिर्फ एक विकेट की जरूरत थी. भारत के जोगिंदर ने उस तरह शुरुआत नहीं की जैसा कि लोग चाहते थे. उन्होंने मिस्बाह को अपनी पहली गेंद वाइड फेंकी. इसके बाद उनकी दूसरी डिलीवरी पर एक बड़ा छक्का लगा और पाकिस्तान की जीत का समीकरण चार गेंदों पर छह रन पर आ गया. इस समय भारतीय प्रशंसकों के चेहरे उदास दिख रहे थे. लेकिन एक नाटकीय अंत में, जोगिंदर ने मिस्बाह को आउट कर दिया और पूरे भारत को बड़ी खुशी दी. धोनी एंड कंपनी ने ट्रॉफी जीत ली.