केरल से लौट कर आनंद मोहन: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद भी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है. इसका सबूत पिछले दिन तिरुवनंतपुरम (केरल) में देखने को मिला. तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड स्टेडियम के बाहर एमएस का विशाल कट-आउट यह बताता है कि दक्षिण भारत में इस खिलाड़ी का जलवा आज भी बरकरार है.
पूरे दक्षिण पट्टी में धौनी उत्तर भारत के एकमात्र ऐसे स्टार हैं, जिनका जादू चप्पे-चप्पे में है. चन्नई के ऑटो चलाने वाले से लेकर छोटे कारोबारी और रिहायशी इलाके में रहनेवाले लोगों की जुबान पर धौनी है़ं. अपनी भाषा के प्रति बहुत आग्रही रहनेवाले और अपने दक्षिण भारतीय फिल्मों के स्टार के हार्डकोर फैन दक्षिण भारतीय के लिए धौनी राज्यों की सीमाओं से पार हैं.
चेन्नई की दुकानों में धौनी की तस्वीर आपको आसानी से मिल जायेगी. धौनी ने रांची का नाम बड़े शहरों की जुबान तक पहुंचा दी है. तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश हो या फिर केंद्र शासित पुडुचेरी धौनी का हीरोइजम दूसरे खिलाड़ियों से बहुत आगे है. वह एक ऐसे खिलाड़ी का आभास कराते हैं, जो उत्तर को दक्षिण से जोड़ता है. पुडुचेरी के जेवियर एंथोनी बातचीत में यह विश्वास नहीं कर पाते हैं कि कोई धौनी के शहर का उनके राज्य में आया है. जितना सम्मान धौनी के लिए, उतनी ही श्रद्धा उस मिट्टी के लिए, जहां से धौनी का तालुल्क है.
15 जनवरी को तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड स्टेडियम में भारत-श्रीलंका के बीच वनडे मैच खेला गया. इस मैच में टीम इंडिया ने वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन आकर्षण का केंद्र रहा स्टेडियम के बाहर लगा महेंद्र सिंह धौनी का 50 फीट ऊंचा कटआउट. यह कटआउट यहां ‘ऑल केरला धौनी फैंस एसोसिएशन’ की ओर से लगवाया गया. एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि किसी क्रिकेटर का यह अब तक का सबसे बड़ा कटआउट है और संघ की ओर से दो बार के विश्व विजेता कप्तान के सम्मान में इसे लगवाया गया है.