2023 ICC ODI WC विश्व कप जैसे-जैसे सेमीफाइनल की ओर बढ़ रहा है, उसमें सभी 10 टीमों में भारत का प्रदर्शन देखकर फैंस काफी खुश हैं. भारत ने सभी 8 मैचों में जीत दर्ज की है और उसका अंतिम मुकाबला नीदरलैंड्स के साथ 12 नवंबर को खेला जाएगा. बाकी टॉप 3 टीमों ने भी सेमीफाइनल में जगह बना ली है. सेमीफाइनल मैच 15 व 16 नवंबर को खेला जाएगा. वहीं फाइनल 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा.
रोहित शर्मा और विराट कोहली की बैटिंग अब तक पूरे टूर्नामेंट में शानदार रही है. साथ ही बुमराह, शमी और सिराज की बॉलिंग ने विपक्षी टीमों के बल्लेबाजों की नींद उड़ा रखी है. अब तक की 8 जीतों में भारत की ताकत और सधी स्ट्रेटजी साफ नजर आई है. लेकिन कई बार मैच हारने पर टीम की असली स्ट्रेंथ दिखाई पड़ती है. भारतीय खेमे के खेलने का ढंग और रणनीति इस मामले में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीमों-ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर भारी पड़ा है.
Also Read: ‘इंडिया चीटिंग कर रहा है?’, इस बयान पर शमी ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर को जमकर लताड़ाचेज करते वक्त पिछले 20 मैचों में टीम इंडिया की हार पर नजर डालें तो इसमें सिर्फ 6 मैचों में हार का फासला 40 रन से ज्यादा था. दूसरी पारी में बैटिंग करने पर मिलीं 5 हार में भारतीय टीम टार्गेट के पास पहुंचकर उसे अचीव नहीं कर पाई. इनमें 3 बार 10 रन से कम रन बाकी पर हार गई और 1 बार 20 रन से कम बचे रहने पर जीत नहीं पाई.
दो मैचों में 3 और उससे कम विकेट से जीत दर्ज की
17 बार दूसरी इनिंग में बैटिंग कर शानदार ढंग से मैच जीता
इस विश्वकप में दूसरी पारी में बैटिंग करने पर मिलीं 10 जीत में 10 ओवर से ज्यादा बचे रह गए
21 हार में 8 मैच उस वक्त हारे जब 10 ओवर बचे थे.
12 बार हार का अंतर 100 रन या उससे ज्यादा रहा
41 में से 20 बार टीम चेज करने में जीती
15 मैचों में 300 से ज्यादा रनों का चेज सिर्फ एक बार हो पाया
240 या उससे ज्यादा रनों का चेज 11 बार सफल रहा
240 से 300 रनों के बीच चेज करने वाली टीम 5 बार मैच हारी
टीम इंडिया को जुलाई 2017 के बाद सिर्फ एक बार 100 से ज्यादा रनों से हार मिली है. इसमें कमाल बॉलर्स का रहा है. तेज गेंदबाज पहले बैट्समैन पर शिकंजा कसते हैं और उसके बाद स्पिनर अपना काम कर मैच जिता देते हैं. जानकार बताते हैं कि अब टीमों ने अपनी रणनीति बदल दी है. वे अंतिम ओवर तक रुककर मैच जीतने का इंतजार नहीं करतीं. इसमें विराट कोहली की बल्लेबाजी शानदार उदाहरण है. उनका रन चेज करना और वह भी नियंत्रण के साथ और जल्द से जल्द चेज करने के दौरान मैच खत्म करना.
जानकार बताते हैं कि 275 का टार्गेट चेज करना भारतीय महाद्वीप में आसान नहीं है. दिन में बल्लेबाजी करना आसान होता है. क्योंकि रात में पिच और फील्ड के हालात बदल जाते हैं. T20 क्रिकेट फॉर्मेट आने के बाद बैटिंग करने वाले खिलाड़ियों का अंदाज बदला है. साथ ही प्रीमियर लीग शुरू होने से अब क्रिकेटर सेलेक्टरों पर कम निर्भर हैं.
Also Read: World Cup 2023 : क्या सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड दोहराएगा 2019 का इतिहास, भारतीय टीम के लिए क्यों खतरा हैं कीवीजवन डे मैचों का ताजातरीन ट्रेंड बताता है कि अब टीमें कम अंतर से मैच हारना चाहती हैं. वे रनों का अंतर कम करने के लिए पूरी ताकत लगा देती हैं. यह कमाल महेंद्र सिंह धौनी और चेन्नई सुपर किंग्स की स्ट्रैटजी से हुआ है. टीमें अब दूसरे फॉर्मेट में खेल रही हैं. कम ओवरों में बड़ा स्कोर खड़ा करना धोनी-CSK की स्ट्रैटजी रहती है. लेकिन 50 ओवरों में ऐसा कर पाना थोड़ा रिसकी होता है.
दक्षिण अफ्रीका : पिछली 14 हार में रनों का पीछा करते हुए हारने का अंतर 10 रन से कम रहा.
न्यूजीलैंड और इंग्लैंड : बीती 12 हार में 16 मैच 50 रनों के ज्यादा के अंतर से रहीं. 24 मैच में सिर्फ 6 अंतिम ओवरों तक चेज किए गए.
ऑस्ट्रेलिया : बीते 5 ODI चेज करने में हार का अंतर 99 रन या उससे ज्यादा रहा. पिछली 4 हार में 30 रन से कम बचे हुए थे. बीते 6 साल में एक हार में रनों का अंतर 50 से 70 रहा है.
पाकिस्तान : बीती 7 में से छह हार में रनों का अंतर 40 रन या उससे ज्यादा रहा. वे या तो जल्दी आउट हो जा रहे थे या रन नहीं बना पा रहे थे.
अफगानिस्तान : आठ में से 7 हार में रनों का अंतर 40 या उससे ज्यादा रहा.