MS Dhoni ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दायर की अवमानना ​​याचिका, जानें क्या है पूरा मामला

महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना ​​​​याचिका दायर की है. अदालत के अंतरिम आदेश के बावजूद संपत ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया.

By Sanjeet Kumar | November 5, 2022 8:53 AM

MS Dhoni News: पूर्व भारतीय कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी ने मैच फिक्सिंग से संबंधित एक मामले में कुछ वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ कथित बयान देने के लिए आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में आपराधिक अवमानना ​की याचिका दायर की है. संपत 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामलों की जांच में शामिल थे. मामले को न्यायमूर्ति पीएन प्रकाश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन शुक्रवार को इस पर सुनवाई नहीं हुई.

आदेश के बाबजूद धोनी के खिलाफ दिया बयान

गौरतलब है कि धोनी ने 2014 में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक संपत कुमार को मैच फिक्सिंग और मैचों की स्पॉट फिक्सिंग से उनसे संबंधित कोई भी बयान देने से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था. धोनी ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें हर्जाने के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए.18 मार्च 2014 को अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित कर संपत कुमार को धोनी के खिलाफ किसी भी तरह का बयान देने से रोक दिया था. हालांकि, आदेश के बावजूद संपत कुमार ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें उनके खिलाफ मामलों में न्यायपालिका और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी.


Also Read: Virat Kohli Birthday: जानें क्यों पूरी रात रोये थे ‘किंग कोहली’, जन्मदिन के मौके पर पढ़ें उनसे जुड़े Facts
धोनी की याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान

इसके बाद जब इसे मद्रास उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया गया, तो उसने दिसंबर, 2021 में इसे अपनी फाइल पर ले लिया. इस साल 18 जुलाई को एडवोकेट-जनरल आर शणमुगसुंदरम से सहमति प्राप्त करने के बाद, अवमानना ​​आवेदन दायर करने के लिए, एमएस धोनी न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी करने की कथित कार्रवाई के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को दंडित करने के लिए इस साल 11 अक्टूबर को वर्तमान अवमानना ​​​​आवेदन को प्राथमिकता दी, जिससे 2014 में पारित अदालत के अंतरिम आदेश का उल्लंघन हुआ. (भाषा इनपुट)

Next Article

Exit mobile version