भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) निस्संदेह दुनिया के सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं. इन वर्षों में, धोनी ने न केवल आम लोगों के रूप में बल्कि कई पूर्व और वर्तमान क्रिकेटरों के रूप में भी बड़ी संख्या में प्रशंसक हासिल किए हैं. हालांकि, भारत के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के साथ धोनी की दोस्ती हमेशा चर्चा में रहती है. इसके बावजूद कई मौकों पर, कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान ने भारत की 2011 विश्व कप जीत में केवल कप्तान की भूमिका की महिमा करने और पूरी टीम को श्रेय नहीं देने के लिए मीडिया पर सवाल उठाए हैं.
किसी भी गेम को बदल सकते थे धोनी
हालांकि, गौतम गंभीर ने हाल ही में स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत में बताया कि कैसे एमएस धोनी ने टीम की खातिर अपनी बल्लेबाजी की स्थिति का त्याग किया था. जबकि वह नंबर तीन पर बल्लेबाजी कर सकते थे. गंभीर ने कहा, ‘एमएस (धोनी) भारत के पहले विकेटकीपर थे जो अपनी बल्लेबाजी से खेल को बदल सकते थे. आम तौर पर कीपर पहले कीपर होता है और बाद में बल्लेबाज. लेकिन एमएस पहले बल्लेबाज थे और फिर विकेटकीपर थे. यह भारतीय क्रिकेट के लिए आशीर्वाद था कि एमएस धोनी, हमें एक विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में मिले जो आपको नंबर सात पर बल्लेबाज कर भी मैच जिता सकता है.
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गंभीर ने जमकर की धोनी की तारीफ
उन्होंने कहा कि धोनी के पास पावर गेम है. अगर एमएस ने नंबर तीन पर बल्लेबाजी की होती, तो मुझे यकीन है कि वह कई वनडे रिकॉर्ड तोड़ सकते थे. गंभीर ने आगे कहा कि लोग हमेशा एमएस धोनी और एक कप्तान के रूप में उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, जो बिल्कुल सच है. लेकिन मुझे लगता है कि कप्तानी के कारण उन्होंने अपने अंदर के बल्लेबाज का बलिदान दिया. वह अपने बल्ले से और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते थे जो उन्होंने नहीं किया. ऐसा तब होता है जब आप कप्तान होते हैं. क्योंकि तब आप टीम को आगे रखते हैं और आप अपने बारे में भूल जाते हैं.
तीन नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते थे धोनी
गौतम गंभीर ने कहा, ‘उन्होंने नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी करना शुरू किया. अगर वह कप्तान नहीं होते, तो वह भारत के नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते. और मुझे लगता है कि वह ऐसा कर सकते थे. उन्होंने जितना स्कोर बनाया है, उससे अधिक स्कोर बना सकते थे और अधिक शतक भी बना सकते थे.’ धोनी यकीनन भारत के अब तक के सबसे महान कप्तान हैं, जिन्होंने टीम को तीन बड़ी आईसीसी जीतें दिलाई हैं.
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धोनी ने भारत के लिए तीन आईसीसी ट्रॉफियां जीती
एमएस धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती. कुल मिलाकर, उन्होंने 332 मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी कप्तान द्वारा सबसे अधिक है. इनमें से उसने 178 जीते, 120 हारे, छह बराबरी पर रहे और 15 का कोई नतीजा नहीं निकला. एक कप्तान के तौर पर उनका जीत प्रतिशत 53.61 है. यह उनके द्वारा जीती गई ट्रॉफियों के साथ मिलकर उन्हें भारत का अब तक का सबसे सफल कप्तान बनाता है.
वनडे में धोनी के नाम शानदार रिकॉर्ड
इन 332 वनडे मैचों में, उन्होंने 330 पारियों में 46.89 की औसत और 76 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 11,207 रन बनाए हैं. उन्होंने एक कप्तान के रूप में 11 शतक और 71 अर्द्धशतक बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 224 था. यह कहना एकदम सही होगा कि कप्तानी के बोझ का एमएस पर कोई असर नहीं पड़ा. धोनी का सबसे मजबूत फॉर्मेट वनडे ही रहा है.
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फ्रेंचाइजी क्रिकेट में भी धोनी का दबदबा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एमएस धोनी की सफलता का असर फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर भी पड़ा. उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और राइजिंग पुणे सुपरजायंट (आरपीजी) का प्रतिनिधित्व और नेतृत्व किया. धोनी ने 2010, 2011, 2018, 2021 और 2023 में सीएसके के लिए कप्तानी करते हुए पांच आईपीएल खिताब जीते. इस साल की जीत के साथ उन्होंने मुंबई इंडियंस की पांच जीत की बराबरी कर ली. उन्होंने 2010 और 2014 में सीएसके के साथ दो चैंपियंस लीग टी20 खिताब भी जीते.
अब भी धोनी को खेलते देखना चाहते हैं फैंस
एमएस धोनी के फैंस अब भी उनको मैदान पर खेलते देखना चाहते थे. आईपीएल 2023 सीजन में धोनी के फैंस की तादाब का अंदाजा लगाया गया. धोनी की टीम जिस भी मैदान पर खेली, वहां स्टेडियम में पीली रंग में रंगा नजर आया. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि यह धोनी का आखिरी आईपीएल होगा. लेकिन उन्होंने ट्रॉफी जीतने के बाद इन अफवाहों पर विराम लगा दिया. उन्होंने कहा कि वह एक और सीजन अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलना चाहते हैं. बस यह देखना होगा कि वह इसके लिए कितने फिट रहते हैं. आईपीएल के बाद धोनी को अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी.