नाथन लियोन ने फाइनल मुकाबले को लेकर की बड़ी भविष्यवाणी कहा: इन दो टीमों के बीच होगा मैच
विश्व कप 2023 में भारतीय टीम शानदार प्रदर्शन कर रही है. अभी तक खेले गए सभी सात मुकाबलों में भारत ने जीत दर्ज की है. विश्व कप 2023 में सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम पहली टीम है. लियोन का मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा.
विश्व कप 2023 का रोमांच जारी है. सभी टीमों ने अभी तक अपने आधे से अधिक मुकाबले खेल लिए हैं. भारत ने अभी तक खेले गए सभी सात मुकाबलों में जीत दर्ज की है. भारत के बेहतरीन लय को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज नाथन लियोन ने विश्व कप 2023 के फाइनल में पहुंचने वाली दो टीमों को लेकर भविष्यवाणी की है. लियोन ने इंडिया टुडे पर दो मुख्य दावेदार टीम को लेकर बात की. लियोन का मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मैं ईमानदारी से मानता हूं कि वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला जाएगा. भारत मेरे लिए नंबर वन टीम है. मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया विश्व कप के फाइनल मुकाबले में एक दूसरे के आमने सामने होंगे और ये मुकाबला आफ़ी रोमांचक रहेगा. भारत पर भी पूरे देश का दबाव होगा जो उनसे जीत की उम्मीद कर रहे हैं और उनके प्रशंसक अपनी टीम को लेकर काफी भावुक भी रहते हैं.
विश्व कप में भारतीय गेंदबाजों का रहा है दबदबा
भारतीय टीम के घातक गेंदबाज शमी, सिराज, बुमराह और कुलदीप यादव सभी टीमों पर भारी पड़ रहे हैं. शमी ने अभी तक खेले गए तीन मुकाबलों में 14 विकेट अपने नाम कर लिए हैं. शमी ने श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए एक बार फिर से पंजा खोला. अपने पांचवें विकेट लेने के साथ ही शमी विश्व कप में भारतीय टीम के सबसे अधिक विकेट टेकर बन गए. वहीं, शुरुआती पारी में बुमराह और सिराज के स्पेल के कारण प्रतिद्वंदी टीम अधिक रन नहीं बना पा रही है.
यह भारतीय टीम डरावनी है: चंडिका हथुरुसिंघा
विश्व कप 2023 का के दौरान गुरुवार को भारत बनाम श्रीलंका का मुकाबला खेला गया. भारत ने श्रीलंका को 302 रनों से मात दे दी. इस मुकाबले से कुछ हफ्ते पहले श्रीलंकाई कोच चंडिका हथुरुसिंघा ने भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखते हुए कहा वह बात कह दी, जो आज से पहले किसी ने भी भारतीय टीम के लिए नहीं कहा था. उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय टीम डरावनी है.’ 2023 से पहले इस वाक्य का उपयोग 1970 और 80 के दशक की शुरुआत में वेस्टइंडीज और बाद में ऑस्ट्रेलिया का वर्णन करने के लिए किया गया होगा, लेकिन कभी भी भारत के लिए नहीं किया गया था. पहली बार भारत के लिए इस शब्द का उपयोग किया गया वो भी विश्व कप मुकाबले में. हालांकि, हथुरुसिंघा सही थे, इस टूर्नामेंट में निश्चित रूप से भारतीय टीम काफी मजबूत नजर आ रही है. टीम ने सात में से सात मुकाबले अपने नाम किये हैं. भारतीय टीम के साथ खेलने उतारने में किसी भी टीम को डर का एहसास हो सकता है.