भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि पिछले साल के विश्व कप में न्यूजीलैंड के प्रदर्शन में सबसे अधिक निरंतरता थी और वे इंग्लैंड के साथ टूर्नामेंट का संयुक्त विजेता बनने के हकदार थे. लॉर्ड्स में खेले गए एतिहासिक फाइनल में न्यूजीलैंड को बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर मेजबान इंग्लैंड ने हराया था क्योंकि पहले नियमित ओवरों और फिर सुपर ओवर के बाद भी मैच टाई रहा था.
क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ पर कहा, ‘‘पिछली बार विश्व कप के संयुक्त विजेता होने चाहिए थे. न्यूजीलैंड को विश्व चैंपियन का तमगा मिलना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्यशाली था. ” पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर का मानना है कि न्यूजीलैंड ने विश्व कप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उन्हें वह श्रेय नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उनका ओवरआल रिकार्ड देखो तो उनके प्रदर्शन में काफी निरंतरता है. पिछले दो विश्व कप में वे उप विजेता रहे और उनके प्रदर्शन में काफी निरंतरता है. ” गंभीर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे जिन भी परिस्थितियों में खेले काफी प्रतिस्पर्धी रहे. हमने उन्हें पर्याप्त श्रेय नहीं दिया. ”
आपको बता दें कि हेनरी निकोल्स के शानदार प्रदर्शन के कारण न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 241 रनों का स्कोर खड़ा किया था. जवाबी पारी खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम ने बेन स्टोक्स के भरपूर प्रयास के बावजूद इंग्लैंड की टीम 241 रन ही बना सकी. उसके बाद मैच सुपर ओवर में चला गया जहां न्यूजीलैंड की टीम की टीम 15 रन ही बना सकी.
सुपर ओवर में फिर से बेन स्टोक्स बल्लेबाजी के लिए आए. उनका साथ देने के लिए इंग्लैंड के विकेट कीपर बल्लेबाज जोस बटलर क्रीज पर थे लेकिन दोनों के प्रयास के बावजूद वो सिर्फ 8 रन ही बना सके जबकि जोस बटलर ने 7 रन बनाए. जब मैच टाई हुआ तो आईसीसी के रूल्स के मुताबिक इंग्लैंड की टीम को पूरी अपनी पारी में ज्यादा बाउंड्री मारने के कारण उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया, वर्ल्ड के बाद कई खिलाड़ियों ने इस नियम की खूब आलोचना की थी.