Nitish Kumar Reddy: मुत्याला रेड्डी. उनके बेटे नीतीश ने कल शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को नाजुक स्थिति से राहत भरी स्थिति पर पहुंचा दिया था. उनकी इस जुझारु और संघर्ष से भरी पारी ने उनके पिता की आंखों में आंसू ला दिए. वर्षों का तप और त्याग सफल हुआ. बेटे के लिए नौकरी तक छोड़ दी. लेकिन नीतीश ने उस त्याग का फल लौटाया और क्या खूब लौटाया. भारत की नीली जर्सी में तीसरा सबसे युवा बल्लेबाज के रूप में शतक लगाकर टीम इंडिया को मैच में वापस करवाया. उनके पिता कल मैच के बाद नीतीश से मुलाकात के बाद भी रोते रहे और आज सुनील गावस्कर को भी साष्टांग प्रणाम कर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शाई.
नीतीश भारतीय पारी के सातवें विकेट गिरने के बाद बैटिंग करने उतरे. भारत 191 रन पर ही सात विकेट गंवा चुका था. फॉलोऑन के मुहाने पर खड़ी टीम इंडिया को नीतीश ने न केवल शतक लगाया बल्कि ऑस्ट्रेलिया की भारी भरकम लीड को भी महज 100 रन के नजदीक ले आए. इस शतक के बाद उनके पिता बीच मैदान पर ताली बजाते, आंखों में आंसू लिए बस ईश्वर को धन्यावाद करते हुए खुशी से झूमते रहे. मुत्याला रेड्डी कल मैच के बाद सुनील गावस्कर से मिले तो उनके पैरों पर पड़कर साष्टांग प्रणाम कर रहे थे. नीतीश की बहन तेजस्वी ने भी गावस्कर के पैर छुए. पूरा परिवार सुनील गावस्कर से मिलकर काफी संतुष्ट नजर आ रहा था. हो भी क्यों न उनके बेटे ने इतिहास में अमर होने वाली पारी जो खेली थी.
नीतीश का शतक रहा जानदार सिनेमा
नीतीश रेड्डी का कल शनिवार का शतक पूरा सिनेमा रहा. सेंचुरी जड़ने के बाद उन्होंने बाहुबली स्टाइल में बल्ला जमीन पर गाड़ा और हाथ-सिर ऊपर करके भगवान को धन्यवाद करते नजर आए. इससे पहले फिफ्टी जड़ने पर उन्होंने पुष्पा स्टाइल में मैं झुकेगा नहीं वाला रिएक्शन दिया था. नीतीश ने स्कॉट बोलैंड की गेंद चौका जड़कर 171 गेंदों में अपना पहला शतक पूरा किया. उनके शतक के बाद पूरे एमसीजी ग्राउंड में मौजूद दर्शकों ने तालियों से स्वागत किया.
पिता के संघर्ष ने नीतीश को पहुंचाया इस मुकाम पर
नीतीश रेड्डी को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता मुत्याला रेड्डी ने काफी संघर्ष किया है. नीतीश ने बीसीसीआई को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी कहानी के पीछे बहुत त्याग है. उन्होंने अपने पिता को फाइनेंशियल समस्या के कारण रोते हुए देखा फिर वे गंभीर हो गए. पिता ने उनके लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी. उनकी नौकरी के अब भी 25 वर्ष बाकी थे, लेकिन बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने यह कुर्बानी दे दी. मुत्याला रेड्डी हिंदुस्तान जिंक में कर्मचारी थे. नीतीश जब 12 साल के थे तब उनका ट्रांसफर विशाखापट्टनम से उदयपुर कर दिया गया. लेकिन बेटे की खातिर उन्होंने अर्ली रिटायरमेंट ले ली. सिर्फ ब्याज और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन के बल पर जोखिम उठाकर वे नीतीश को हरसंभव अच्छी से अच्छी जगह पर कोचिंग दिलवाई, ट्रेनिंग सेशन में भाग दिलवाया. नीतीश के शतक के बाद उनके पिता मुत्याला ने गिलक्रिस्ट से बात करते हुए कहा, “पहला शतक, यह बेहद खास पल है, हमारे पूरे परिवार के लिए यह खास दिन है और हम इस दिन को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते. वह 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में है, यह बहुत खास एहसास है.”
चौथे टेस्ट मैच में अब तक का हाल
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान पर खेला जा रहा है. 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 474 रन बनाए. उसके तीन शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने फिफ्टी जड़ी तो स्टीव स्मिथ ने रिकॉर्ड शतक बनाया. भारतीय पारी एक बार फिर इस मैच में संघर्ष करती नजर आई. दूसरे दिन उसने 164 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन इसके बाद नीतीश ने भारी दबाव में 114 रन की पारी खेलकर भारत की पहली पारी को 369 रन तक पहुंचा दिया. ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 105 रन की लीड मिली.
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