वनडे वर्ल्ड कप 40-40 ओवर का होना चाहिए, टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कर दी बड़ी डिमांड

टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच और कप्तान रवि शास्त्री का मानना है कि वनडे वर्ल्ड में ओवरों की संख्या घटाकर 40-40 ओवर कर दी जानी चाहिए. उनका मानना है कि ओवरों की संख्या घटाने से इसकी लोकप्रियता बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि 1983 में वर्ल्ड कप 60 ओवर का था लेकिन बाद में इसे 50 ओवर का किया गया.

By Agency | March 13, 2023 6:36 AM
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भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में सात महीने से भी कम समय रह गया है और देश की क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि इस टूर्नामेंट को नयापन देने के लिए आईसीसी टूर्नामेंट के भविष्य के चरणों को 40-40 ओवर का कर देना चाहिए. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे चौथे टेस्ट के चौथे दिन रविवार को पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि वनडे क्रिकेट को बचाये रखने के लिए इसे भविष्य में घटाकर 40-40 ओवर का कर देना चाहिए.

घट रही है दर्शकों की संख्या

रवि शास्त्री ने कहा कि वनडे में दर्शकों की घटती संख्या का निवारण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं यह इसलिये कह रहा हूं क्योंकि जब हमने 1983 में विश्व कप जीता था तो यह 60 ओवर का मैच हुआ करता था. फिर लोगों का आकर्षण इसके प्रति कम होता गया तो यह 50 ओवर का बन गया. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब इसे 40-40 ओवर का कर देना चाहिए. समय के साथ बदलना जरूरी है, प्रारूप को घटाना चाहिए.

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इस वजह से घटाये गये थे ओवर

शास्त्री की दर्शकों की दिलचस्पी कम होने की बात सही है लेकिन जब 1987 में विश्व कप उप महाद्वीप में कराया गया था तो 120 ओवर के दौरान दो ब्रेक (लंच और चाय) करना संभव नहीं था जैसा कि इंग्लैंड में पिछले तीन चरण के दौरान हुआ था. शास्त्री ने कहा कि टी20 प्रारूप खेल में बड़ी कमाई करता रहेगा, लेकिन वह द्विपक्षीय टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला को पसंद नहीं करते और उनका कहना है कि इन्हें कम कर देना चाहिए.

टी20 को ज्यादा किया जा रहा पसंद

यह महान क्रिकेटर द्विपक्षीय श्रृंखला को कम करने की वकालत करता रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि टी20 प्रारूप महत्वपूर्ण है. इसे विकसित करने की जरूरत है. लेकिन मुझे लगता है कि द्विपक्षीय श्रृंखला को कम किया जाना चाहिए. पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट अपने शीर्ष अहम स्थान का लुत्फ उठाना जारी रखेगा क्योंकि यही महत्वपूर्ण प्रारूप है. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा टेस्ट क्रिकेट बना रहेगा और इसे सबसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि भारत में सभी प्रारूपों के लिए जगह है.

दिनेश कार्तिक ने भी दी एक सलाह

भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने भी कहा कि एकदिवसीय प्रारूप अपना आकर्षण खो रहा है और इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाला विश्व कप आखिरी संस्करण हो सकता है. कार्तिक ने कहा कि वनडे प्रारूप ने अपना आकर्षण खो दिया है. हम इस साल के अंत में या उसके बाद एक और विश्व कप देख सकते हैं. लोग टेस्ट क्रिकेट देखना चाहते हैं, जो क्रिकेट का सही मायने में प्रारूप है और टी20 मनोरंजन के लिए है.

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