विश्व क्रिकेट के इतिहास में ऐसी कई साझेदारियां हुई है जो आज भी लोगों के द्वारा याद की जाती हैं. ऐसी ही एक साझेदारी बनी थी आज से 21 साल पहले यानी कि वर्ष 1999 में. और वो साझेदारी बनी थी राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के बीच विश्व कप में. विपक्षी टीम थी श्रीलंका. ये मैच इंग्लैंड के टॉन्टन मैदान पर खेला गया था. उस वक्त भारत की कमान मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में थी तो वहीं श्रीलंका की कमान अर्जुन रणतुंगा के हाथों में थी, भारतीय टीम पहले दो मैच दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे हारकर मुसीबत में थी. क्योंकि एक और हार उसे विश्व कप में बाहर का रास्ता दिखा सकता था. उस वक्त श्रीलंका की टीम बेहद मजबूत टीमों में से एक मानी जाती थी.
इस मैच में श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने फैसला किया. उनके ये फैसले सही साबित होते दिखे जब संदगोपन रमेश 5 रन बना कर आउट हो गए. उस वक्त टीम के खाते में सिर्फ 6 रन ही जुड़ा था. तभी सौरव का साथ देने आए राहुल द्रविड़ और उन्होंने संभल संभल कर बल्लेबाजी करते हुए पहले 50 रन की साझेदारी की और उसके बाद धीरे धीरे ये पार्टनरशिप बढ़ती ही गयी और इन दोनों ने मिल कर 318 रनों की साझेदारी कर डाली. जिसमें सौरव गांगुली ने 183 जबकि राहुल द्रविड़ ने 145 रनों का योगदान दिया. ये विश्व कप इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी थी. इन दोनों पारियों की बदौलत भारत ने 6 विकेट के नुकसान पर 372 रन बनाए.
जवाबी पारी खेलने उतरी श्रीलंका की टीम बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए लड़खड़ा गई और उनकी पूरी टीम 216 रनों पर सिमट गई. रॉबिन सिंह ने उस मैच में 5 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. और भारत ने ये मैच 157 रनों से जीत लिया था.
सौरव गांगुली की ये पारी उनके करियर की सबसे अच्छी पारी थी. उन्होंने 183 रनों की पारी में 17 चौके और 7 छक्के लगाए थे. जो वनडे क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर भी है. ये किसी भी भारतीय द्वारा वर्ल्ड कप में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है जो आज तक कायम है. जबकि ये साझेदारी विश्व कप में दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है. 2011 वर्ल्ड कप तक ये रिकॉर्ड कायम था लेकिन साल 2015 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ गेल और मार्लन सैमुअल्स के द्वारा की गयी 372 रनों की साझेदारी ने ये रिकॉर्ड तोड़ दिया था.