आईसीसी ने मंगलवार को इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच रावलपिंडी में खेले गये पहले टेस्ट की पिच को औसत से नीचे करार दिया है जिस पर गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिली. इससे पहले भी यहां हुए टेस्ट मैचों में खराब पिच की शिकायत की गयी थी. लेकिन इस बार नुकसान खुद पाकिस्तान की टीम को उठाना पड़ा जो गेंदबाजों के दम पर पहला टेस्ट मैच जीतना चाहती थी. इस पिच पर इंग्लैंड ने पहले दिन रिकॉर्ड 500 से ज्यादा रन बनाये थे.
पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले गये पहले टेस्ट मैच की बात करें तो उस मैच में सात शतक लगे और इंग्लैंड ने पहले ही दिन चार विकेट पर 506 रन बनाने के बाद 74 रन से जीत दर्ज की. इंग्लैंड ने मैच की पहली पारी में चार विकेट पर 657 रन बनाये. पहली पारी में इग्लैंड की ओर से ही चार शतक जड़े गये थे. जैक क्राउली, बेन डुकेट, ओली पोप और हैरी ब्रुक ने शतकीय पारी खेली थी. वहीं पहली पारी में पाकिस्तान की ओर से अब्दुल्लाह शरीफ, इमाम उल हक और बाबर आजम ने शतक जड़ा था.
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पाकिस्तान के इस स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक भी झेलना पड़ा. आठ महीने के भीतर दूसरी बार स्टेडियम को डिमेरिट अंक दिया गया है. पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के बीच मार्च में हुए पहले टेस्ट में भी पिच को औसत से नीचे बताया गया था. आईसीसी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आईसीसी एलीट पेनल के मैच रैफरी एंडी पायक्राफ्ट ने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम की पिच को औसत से नीचे करार दिया है. आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के तहत इस पर एक डिमेरिट अंक लगाया गया.
पायक्राफ्ट ने अपने आकलन में कहा कि इस पिच से गेंदबाजों को किसी तरह की मदद नहीं मिली. यही वजह है कि बल्लेबाजों ने तेजी से और काफी रन बनाये. मैच के दौरान पिच टूटी भी नहीं. पिच औसत से नीचे होने पर स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक झेलना पड़ता है जबकि पिच खराब या अनफिट करार दिये जाने पर तीन और पांच डिमेरिट अंक लगाये जाते हैं. कुल पांच डिमेरिट अंक होने पर मैदान एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी नहीं कर सकता और दस डिमेरिट अंक होने पर निलंबन दो साल का होता है.