Champions Trophy 2025: पाकिस्तान क्रिकेट टीम और उसके फैंस ने वर्षों से इस पल का इंतजार किया था कि 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम को अपनी ही सरजमीं पर खिताब डिफेंड करने का मौका मिलेगा. 1996 में आखिरी बार पाकिस्तान में आईसीसी को कोई इवेंट हो रहा था, लेकिन तीन दशकों के लंबे इंतजार के बाद यह अवसर उसके लिए यादगार बनने के बजाय निराशाजनक साबित हुआ. पाकिस्तान की टीम महज 5 दिनों में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई, जिससे उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं. पाकिस्तान की हार के बाद न केवल टीम बल्कि PCB के लिए भी एक नई चुनौती खड़ी हो गई है, प्रायोजक जुटाना. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अब टीम के ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ने की चिंता सताने लगी है.
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी को हुई थी और 24 फरवरी तक यह आधिकारिक हो गया कि पाकिस्तान सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बना पाएगा. टीम ने अपने शुरुआती दो मैचों में न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ करारी शिकस्त झेली. दो हार के बाद ही पाकिस्तान का बाहर होना लगभग तय हो गया था, लेकिन उसकी आखिरी उम्मीद में न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश को हराकर पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन से प्रायोजकों की चिंता
पाकिस्तान क्रिकेट एक बार फिर मुश्किल में है और इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम के लिए प्रायोजक जुटाना भी सत्ताधारियों के लिए चुनौती बन सकता है. भारत से हारने से एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड मैच के लिए गद्दाफी स्टेडियम में लोगों की शानदार भीड़ को देखकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अधिकारी आत्मविश्वास से भरे हुए थे. बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, “लोगों की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान से इतर मैच का आनंद लेते देखना एक उत्साहवर्धक अनुभव था.” उन्होंने कहा, “लेकिन अब चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि पाकिस्तान में बचे हुए मैचों के लिए दर्शकों की भीड़ आती रहे क्योंकि हम 29 साल बाद इतने बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे हैं.”
‘ब्रांड वैल्यू’ पर असर पड़ने वाला है
बोर्ड की वाणिज्यिक इकाई के एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा कि अगर पाकिस्तान सेमीफाइनल में नहीं भी खेलता है तो भी पीसीबी को वित्तीय रूप से कोई बड़ा झटका नहीं लगेगा क्योंकि केवल गेट पर्ची और मैदान की आय के अन्य स्रोत ही प्रभावित होंगे. लेकिन संकटग्रस्त टीम की ‘ब्रांड वैल्यू’ पर असर पड़ने वाला है. पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 18 अरब पाकिस्तानी रुपए केवल स्टेडियम के पुनर्निमाण में खर्च किए हैं, लेकिन इसका फायदा मिलने की जगह अब घाटा उठाना पड़ा सकता है.
उन्होंने कहा, “हमें मेजबानी शुल्क, टिकट बिक्री सहित आईसीसी राजस्व में हमारा हिस्सा मिलने की गारंटी है, लेकिन अन्य मुद्दे भी हैं जैसे कि लोगों का इस बड़े टूर्नामेंट में रुचि खत्म होना और प्रसारणकर्ता द्वारा आधे भरे हुए स्टेडियम दिखाना आदि. सबसे बड़ी चिंता यह है कि यहां क्रिकेट के प्रति दीवानगी के बावजूद भविष्य में पाकिस्तान क्रिकेट को एक ब्रांड के रूप में बेचना आसान नहीं होगा.”
न्यूजीलैंड और भारत ने ग्रुप ए से सेमीफाइनल में जगह बना ली है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं. पाकिस्तान का आखिरी मुकाबला 27 फरवरी को रावलपिंडी में खेला जाएगा, लेकिन टूर्नामेंट से बाहर होने के कारण इस मैच में दर्शकों की रुचि कम रहने की संभावना है. 2 मार्च को भारत और न्यूजीलैंड मैच दुबई में होगा, उससे पहले पाकिस्तान में और 5 मैच होने हैं, इन मैचों में पाकिस्तान को दर्शकों को जुटाने में काफी मेहनत करनी पड़ सकती है.
भाषा के इनपुट के साथ.
प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी:-
2050 : दुनिया में सबसे अधिक मुसलमान भारत में होंगे, इतनी होगी अलग-अलग धर्मों के मानने वालों की आबादी
‘उम्बुल आदेर’ के जरिए मृत्यु के बाद आत्मा को घर वापस बुलाते हैं मुंडा आदिवासी, विदा नहीं करते