पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख नजम सेठी ने कहा है कि अगर वे इस साल एशिया कप नहीं खेलते हैं तो टूर्नामेंट से होने वाली कमाई में करीब 30 लाख डॉलर का नुकसान हो सकता है. सेठी ने कहा कि पाकिस्तान यह नुकसान सहने को तैयार है क्योंकि यह सिद्धांत का मसला है. उन्होंने कहा कि हमने साफ तौर पर कहा है कि अगर एशिया कप हाइब्रिड आधार पर (भारत के मैच तटस्थ स्थान पर और बाकी मैच पाकिस्तान में) नहीं होता है तो हम कोई और शेड्यूल स्वीकार नहीं करेंगे और ना ही खेलेंगे.
पाकिस्तान को सितंबर में एशिया कप की मेजबानी करनी है लेकिन टूर्नामेंट के आयोजन स्थल को लेकर अब भी अस्पष्टता है क्योंकि भारत ने साफ तौर पर कहा है कि वह पाकिस्तान में नहीं खेलेगा. सेठी ने कहा, ‘अब भारत के लिये सुरक्षा कोई मसला नहीं है और हमने उन्हें कहा है कि अगर सरकार पाकिस्तान में खेलने की अनुमति नहीं दे रही है तो हमें इसका लिखित सबूत दिखाओ.’
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उन्होंने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड समेत दूसरी टीमें पाकिस्तान में खेलने को तैयार हैं तो भारत को पाकिस्तान आने में सुरक्षा का कोई मसला नहीं होना चाहिए. पिछले साल के अंत में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि भारतीय टीम किसी भी स्थिति में पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी. शाह एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. शाह के बयान के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है.
हालांकि सौरव गांगुली के बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रोजर बिन्नी ने कहा था कि टीम इंडिया के पाकिस्तान के दौरे पर फैसला भारत सरकार करेगी. सरकार का जो निर्देश होगा, उसका पालन किया जायेगा. इस बीच पीसीबी और पाकिस्तान के कई पूर्व क्रिकेटर्स ने इस बात की धमकी दी है कि अगर भारत एशिया कप खेलने पाकिस्तान नहीं आयेगा तो पीसीबी भारत में होने वाले वनडे विश्व कप का भी बहिष्कार करेगा और टीम भारत का दौरा नहीं करेगी.