हारने के बाद बली का बकरा ढूंढना शुरू कर देता है पाकिस्तान, पूर्व कप्तान मिसबाह ने बोला हमला
मिसबाह ने कहा कि हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हमें अपने खिलाड़ियों का विकास घरेलू स्तर पर ही करना होगा और फिर राष्ट्रीय टीम में उनके कौशल विकास पर काम करना होगा.
कराची : पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान मिसबाह उल हक ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में तब तक कोई सुधार नहीं होगा जब तक वह व्यवस्था में बदलाव नहीं करेगा और बलि का बकरा ढूंढने की आदत बंद नहीं करेगा. पिछले महीने अचानक इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोल रहे मिसबाह ने कहा कि ‘कॉस्मेटिक सर्जरी’ (ऊपर ऊपर सुधार) से पाकिस्तान क्रिकेट में कुछ नहीं बदलने वाला.
मिसबाह ने कहा कि क्योंकि समस्यायें तो व्यवस्था में अंदर तक गहरी हो चुकी हैं. उन्होंने ‘ए-स्पोर्ट्स’ चैनल से कहा कि समस्या यह है कि हमारा क्रिकेट केवल नतीजे देखता है और आगे की योजना तथा व्यवस्था में सुधार करने के लिए हमारे पास समय या संयम नहीं है.
मिसबाह ने कहा कि हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हमें अपने खिलाड़ियों का विकास घरेलू स्तर पर ही करना होगा और फिर राष्ट्रीय टीम में उनके कौशल विकास पर काम करना होगा. हम नतीजे चाहते हैं और अगर हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिलते तो हम किसी को बलि का बकरा बनाने के लिए ढूंढना शुरू कर देते हैं. मिसबाह के साथ गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने पिछले महीने वेस्टइंडीज से लौटने के बाद अचानक इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पाकिस्तान क्रिकेट में बलि का बकरा ढूंढना आम हो गया है. एक मैच या सीरीज गंवाने के बाद हम खुद को बचाने के लिए बलि का बकरा ढूंढने लगते हैं. मिसबाह ने कहा कि अगर हम यही ‘कास्मेटिक सर्जरी’ जारी रखेंगे तो कुछ भी नहीं बदलेगा. आप कोच और खिलाड़ियों को बदल सकते हैं लेकिन अंदर की समस्या जस की तस बनी रहेंगी.
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उन्होंने साथ ही राष्ट्रीय चयन समिति के काम करने के तरीके और जिस तरह से टी20 विश्व कप टीम में बदलाव किये, उसकी भी काफी आलोचना की. उन्होंने कहा कि क्या हो रहा है? पहले आप कुछ खिलाड़ियों को विश्व कप टीम में शामिल करते हो और फिर 10 दिन बाद आप यू्-टर्न लेकर बाहर किये गये खिलाड़ियों को वापस लाते हो. शुरूआती 15 सदस्यीय टीम और तीन रिजर्व खिलाड़ियों की घोषणा करने के बाद मुख्य चयनकर्ता मुहम्मद वसीम ने बाद में तीन बदलाव किये.