PCB अपना चेहरा बचाना चाहता था, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने एशिया कप 2023 पर रखी बेबाक राय
एशिया कप 2023 के कार्यक्रम की घोषणा हो गयी है. कुल 13 में से केवल चार मुकाबले पाकिस्तान में खेले जायेंगे. जबकि बाकी के सभी मैच श्रीलंका में आयोजित किये जायेंगे. एशियन क्रिकेट काउंसिल ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ही हाईब्रिड मॉडल को अपनाया है.
एशियन क्रिकेट काउंसिल ने एशिया कप की मेजबानी पर स्थिति स्पष्ट कर दी है. यह आयोजन 31 अगस्त से शुरू होगा, जिसकी मेजबानी पाकिस्तान और श्रीलंका करेंगे. चार मुकाबले पाकिस्तान में होंगे, जबकि बाकी के नौ मुकाबले श्रीलंका में होंगे. भारत अपने मैच श्रीलंका में खेलेगा. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने एशिया कप को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. लतीफ ने कहा कि एशिया कप का शेड्यूल बीसीसीआई और पीसीबी दोनों के लिए जीत की स्थिति है.
जय शाह को मिली पहचान
राशिद लतीफ ने कहा कि देखा जाए तो एसीसी के अध्यक्ष जय शाह जो बीसीसीआई के महासचिव भी हैं उन्हें अपने प्रयासों को एक पहचान की जरूरत थी. दूसरी ओर मौजूदा चुनौतियों के कारण पीसीबी अपना चेहरा बचाना चाहता है. यह हाईब्रिड मॉडल उसी की देन है. इसमें दोनों देश के बोर्ड की जीत हुई है. हां, इसमें सबसे ज्यादा फायदा श्रीलंका को हुआ है, क्योंकि अधिकतर मुकाबले श्रीलंका में खेले जायेंगे.
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बीसीसीआई और पीसीबी दोनों की जीत
लतीफ ने क्रिकेट पाकिस्तान से कहा कि यह एक विशिष्ट परिदृश्य है. जय शाह जीतना चाहते थे. उन्हें अपने काम के लिए पहचान की जरूरत थी. कहीं न कहीं वह अपनी अंडर-द-बेल्ट रणनीति के लिए मेडल चाहते थे कि उन्होंने एसीसी अध्यक्ष होने के नाते कुछ कार्यक्रम आयोजित किये. इसके अलावा, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भी एक गंभीर स्थिति में था और उन्हें चेहरे को बचाने और अपनी चुनौतियों से उबरने के लिए एक समाधान खोजने की भी आवश्यकता थी.
श्रीलंका को सबसे अधिक फायदा
लतीफ ने इस परिदृश्य में श्रीलंका को “महत्वपूर्ण लाभार्थी” के रूप में लेबल किया, क्योंकि अधिकांश मैच द्वीप राष्ट्र में आयोजित किये जायेंगे. उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों इसमें सफल रहे हैं. तीसरा लाभार्थी श्रीलंका है, जो लगभग नौ मैचों के साथ टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा. अफगानिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश अपनी-अपनी भागीदारी फीस प्राप्त करेंगे, इसलिए यह एक बहुत अच्छी घटना होगी. पाकिस्तान खुश है, भारत खुश है, बांग्लादेश और श्रीलंका भी खुश हैं.