कराची : पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की कम से कम तीन फ्रेंचाइजी ऑफशोर (देश के बाहर की कंपनी) ऑनलाइन सट्टेबाजी कंपनियों के विज्ञापनों को बढ़ावा देकर सख्त इस्लामिक कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं. फ्रेंचाइजी प्रमुख रूप से एक्सबेट, बाजीबेट और मेलबेट जैसी कंपनियों के विज्ञापनों को अपनी खेल किट (पीछे या सामने) पर प्रदर्शित कर रही हैं जबकि उनमें से एक ने कसीनो कंपनी के साथ भी समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.
पाकिस्तान में किसी भी रूप में सट्टेबाजी और जुए पर प्रतिबंध है लेकिन ऑफशोर ऑनलाइन कंपनियां सरोगेट विज्ञापन (प्रत्यक्ष विज्ञापन नहीं) के माध्यम से प्रचार के लिए घरेलू टी20 टूर्नामेंट का उपयोग कर रही हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. जो यह संकेत देते हैं कि इन सट्टेबाजी कंपनियों के साथ सौदों पर हस्ताक्षर करने के लिए फ्रेंचाइजी के पास खेल के शासी निकाय की मौन स्वीकृति है.
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पीएसएल मैच दिखाने वाले कुछ टेलीविजन चैनल भी इन सट्टेबाजी साइटों को बढ़ावा दे रहे हैं. इन जुआ और सट्टेबाजी कंपनियों से जुड़े विज्ञापन के साथ कई ऑनलाइन वेबसाइटों पर पीएसएल ब्रांड नाम का भी उपयोग किया जा रहा है. पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान राशिद लतीफ ने हाल ही में ज्ञात सट्टेबाजी और जुआ साइटों के साथ फ्रेंचाइजी को कथित रूप से सरोगेट विज्ञापन सौदों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति देने के लिए पीसीबी की खिंचाई की थी.
क्रिकेट से जुड़ी एक प्रसिद्ध विज्ञापन फर्म के एक कार्यकारी ने कहा कि पीएसएल में सरोगेट विज्ञापन पिछले दो वर्षों से चल रहा है. सट्टेबाजी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए समाचार साइटों का उपयोग कर रही हैं. लेकिन इस साल यह (अधिक) प्रमुख हो गया है और वास्तव में कोई परवाह नहीं करता है क्योंकि हर कोई पीएसएल से कमाई करना चाहता है. यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और अन्य लीगों में भी हो रहा है.
यहां तक कि क्रिप्टो-मुद्रा विज्ञापन बोर्ड भी पीएसएल मैचों के दौरान मैदान में देखे जा सकते हैं, हालांकि उनमें व्यापार पाकिस्तान में बहस का विषय बना हुआ है. क्रिकेट में फिक्सिंग 90 के दशक से पाकिस्तान क्रिकेट में एक बड़ी समस्या बनी हुई है और पिछले हफ्ते पीसीबी ने हरफनमौला आसिफ अफरीदी पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था, जो पीएसएल मैचों में भ्रष्टाचार विरोधी संहिता का उल्लंघन करने के लिए उपस्थित हुए थे.