Harbhajan Singh Retirement : टीम इंडिया के स्टार स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया. भज्जी ने इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. संन्यास के बाद हरभजन ने कहा कि मैं उस खेल को अलविदा कह रहा हूं, जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है. जालंधर की तंग गलियों से लेकर टीम इंडिया का ‘टर्बनेटर’ बनने तक का बीते 25 सालों का सफर खूबसूरत रहा है. भारतीय टीम में जर्सी (मैदान पर खेलते हुए) में संन्यास लेने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वहीं टीम इंडिया के स्टार स्पिनर रहे हरभजन सिंह ने संन्यास लेते ही साथी खिलाड़ियों द्वारा भी भज्जी को भज्जी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गयी.
A legend and one of the finest to have ever played the game! 🙌#TeamIndia congratulate @harbhajan_singh on a glorious career 👏👏@imVkohli | @cheteshwar1 pic.twitter.com/iefNrA4r2M
— BCCI (@BCCI) December 24, 2021
दक्षिण अफ्रीका दौर पर मौजूद कोच राहुल द्रविड़ ने साथी खिलाड़ी हरभजन सिंह के लिए स्पेशल मैसेज दिया. द्रविड़ ने कहा,’हरभजन के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन वो हमेशा लड़ते रहे. जाहिर है कि वो भारत के लिए खेलने वाले महान खिलाड़ियों में से एक हैं. अनिल कुंबले के साथ कमाल की जोड़ी बनाकर वह उस अवधि के दौरान हमारी कई बड़ी जीत का हिस्सा थे. उनके साथ खेलने का मौका मिलना किस्मत की बात है. भज्जी के करियर की बड़ी उपलब्धि 32 विकेट थी जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 टेस्ट सीरीज में लिए थे.
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वहीं टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कहा कि 711 इंटरनेशनल विकेट कोई मामूली उपलब्धि नहीं है और आप अपनी उपलब्धि पर गर्व कर सकते हैं। देश के लिए खेलना और इतने लंबे समय तक खेलना पूरी तरह से अलग बात है.’ मैं आपके साथ उन सभी पलों को संजोता हूं, जब मैं भारतीय टीम में आया तो आपने मेरा पूरा साथ दिया.
बता दें कि भज्जी ने मार्च, 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 32 विकेट लिये थे , जिसमें एक भारतीय द्वारा पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल थी. भारतीय टीम ने इस सीरीज को 2-1 से जीता था और यह क्रिकेट के जूनूनी इस देश की सबसे ऐतिहासिक यादों में से एक है.