Rahul Dravid Farewell: ‘रोहित के साथ काम करके मजा आया’- Rahul Dravid
Rahul Dravid Farewell: पिछले महीने कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद पद से बाहर हुए द्रविड़ ने कहा कि उन्हें कप्तान के रूप में रोहित के साथ काम करने में आनंद आया और इससे भी अधिक उन्हें एक व्यक्ति के रूप में बेहतर तरीके से जानने में मजा आया.
Rahul Dravid Farewell: भारत के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने रोहित शर्मा और विराट कोहली तथा हाल ही में अमेरिका में अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीतने वाली सीनियर पुरुष टीम के साथ अपने कोचिंग कार्यकाल के बारे में अपने विचार साझा किए. पिछले महीने अपने कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के बाद नौकरी से बाहर हुए द्रविड़ ने कहा कि उन्हें कप्तान के रूप में रोहित के साथ काम करने में मजा आया और इससे भी ज्यादा उन्हें एक व्यक्ति के रूप में बेहतर तरीके से जानने का मौका मिला.
यूएई में 2021 टी20 विश्व कप के बाद, द्रविड़ और रोहित को क्रमशः मुख्य कोच और कप्तान नियुक्त किया गया. इस जोड़ी ने टीम के लिए कमाल का प्रदर्शन किया, जिसके बाद से टीम को ICC टूर्नामेंट में तीन नॉकआउट मैचों तक पहुंचने में मदद मिली, लेकिन इस बार ट्रॉफी पर उनका ही कब्जा रहा. रोहित के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए द्रविड़ ने कहा,
रोहित को इंसान के रूप में जानकार मजा आया: Rahul Dravid
‘मुझे रोहित के साथ काम करने में बहुत मजा आया. वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें मैं बहुत पहले से जानता था. उन्हें एक व्यक्ति के रूप में और भारतीय क्रिकेट में एक लीडर के रूप में विकसित होते देखना बहुत अच्छा लगा.’ पूर्व भारतीय कोच ने कहा ‘वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो पिछले दस या बारह सालों में टीम के लिए योगदान देने में सक्षम हैं, एक खिलाड़ी के तौर पर भी और अब एक लीडर के तौर पर भी. यह उनके और उनके द्वारा लगाए गए समय में किए गए प्रयासों के लिए एक सच्चा ट्रिब्यूट है. मुझे उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर जानने में बहुत मजा आता है.’
इस बीच, एक अन्य अनुभवी खिलाड़ी विराट कोहली के साथ खेलने और बाद में उन्हें कोचिंग देने के अनुभव के बारे में द्रविड़ ने कहा कि विराट की भूख और बेहतर होने की इच्छा उन्हें खेल में सभी से आगे रखती है. द्रविड़ ने कोहली के बारे में कहा, ‘मुझे उनके साथ कुछ सीरीज और कुछ टेस्ट मैचों में काम करने का मौका मिला था, जब वे कप्तान थे. मैं भी उन्हें जानने लगा हूं. उनकी बेहतर बनने की इच्छा और बेहतर होने की चाहत देखना दिलचस्प है.’
Rahul Dravid Farewell: रिजल्टस ने नहीं पड़ता फर्क
एक खिलाड़ी के तौर पर भी द्रविड़ हमेशा सबसे ज्यादा परिणाम-उन्मुख क्रिकेटर नहीं रहे, भले ही यह खेल भारत में परिणामों पर आधारित रहा हो. इसी तर्ज पर बात करते हुए द्रविड़ ने बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य हमेशा कप्तान को अपने विजन को आगे बढ़ाने देना और यह सुनिश्चित करना था कि टीम इसका सबसे ज्यादा फ़ायदा उठाए.
द्रविड़ ने कहा, “एक कोच के तौर पर, आखिरकार मेरा काम कप्तान को अपना दृष्टिकोण, अपनी टीम को कैसे खेलना चाहिए, इस बारे में अपना प्लान बताने में मदद करना है.’ ‘मुझे वास्तव में परिणामों के बारे में अधिक बात करना पसंद नहीं है। हां, परिणाम महत्वपूर्ण हैं. मैं ऐसे व्यवसाय में हूं जो परिणामों पर चलता है.
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उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि परिणाम कई चीजों का कारक होते हैं. जब आप लगातार खिलाड़ियों को रोटेट करते हैं और आपको जितने खिलाड़ियों को खिलाना होता है, उसके बावजूद पिछले कुछ महीनों में हमें जिस तरह के परिणाम मिले हैं, उससे मुझे अधिक संतुष्टि मिली है.’