युवराज को हरा भारत के सबसे सेक्सिएस्ट स्पोर्ट्स पर्सन बने थे द्रविड़, खबर मिलते दिया था ऐसा रिएक्शन
Rahul Dravid, Yuvraj Singh : बता दें कि 2004-05 में द्रविड़ को सेक्सिएस्ट स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी के लिए सबसे ज्यादा वोट मिले थे. उन्होंने युवराज और सानिया मिर्जा को भी पीछे छोड़ दिया था.
क्रिकेट की दुनिया में ‘द वॉल’ नाम से मशहूर फॉर्मर इंडियन क्रिकेटर राहुल द्रविड़ हमेशा अपने शांत स्वभाव के कारण जाने जाते हैं. उन्होंने 1996 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपने पहले टेस्ट में 95 रन की आकर्षक पारी खेली. आज अपना 43वां बर्थडे सेलीब्रेट कर रहे हैं। राहुल द्रविड़ ने अपने क्रिकेटिंग करियर में कई यादगार पारिंया खेली, जो बताती हैं कि वह कितने महान खिलाड़ी हैं. पर बहुत से लोग नहीं जानते कि द्रविड़ जैसे शांत और शर्मीले व्यक्ति को 2005 में भारत के सेक्सिस्ट खिलाड़ी के रूप में भी दर्जा दिया गया था.
बता दें कि 2004-05 में द्रविड़ को सेक्सिएस्ट स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी के लिए सबसे ज्यादा वोट मिले थे. उन्होंने युवराज और सानिया मिर्जा को भी पीछे छोड़ दिया था. वहीं कमेंटेटर गौरव कपूर से बातचीत करते हुए द्रविड़ ने इसे लेकर अपनी बात रखी. कुछ साल पहले ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में द्रविड़ से गौरव कपूर ने पूछा था कि 2005 में है जब आपको भारत के सेक्सिस्ट खिलाड़ी कहा जाता था तो कैसा महसूस कर रहे थें आप, गौरव ने आगे बताया था कि आपने उस समय युवराज सिंह को हराया था. द्रविड़ ने इसके जवाब में कहा कि वास्तव में, इसे शायद अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाना चाहिए. क्या यह साबित करने के लिए कोई प्रमाण पत्र है?
बता दें कि द्रविड़ टेस्ट के ही बेहतरीन खिलाड़ी नहीं थे बल्कि वनडे में भी उनका शानदार रिकॉर्ड रहा है. वह 1999 के एकदिवसीय विश्व कप (461) में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और एमएस धोनी युग तक नियमित रूप से टीम में बने रहे। जबकि वह अपनी एकाग्रता और धैर्य के लिए प्रसिद्ध थे, उन्होंने 2003 में एक वनडे में न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 गेंदों में 50 * रनों की पारी खेली, और 2011 में अपने एकमात्र T20I में इंग्लैंड के समित पटेल के खिलाफ लगातार तीन छक्के मारे. द्रविड़ वर्तमान में श्रीलंका में शिखर धवन की अगुवाई वाली भारतीय टीम के हेड कोच हैं. धवन एंड कंपनी को 13 जुलाई से श्रीलंकाई टीम के साथ तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलने हैं. संन्यास के बाद भी द्रविड़ 2016-2019 से भारत ए और अंडर -19 पक्ष के मुख्य कोच थे.