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Ranji Trophy: धोनी को आदर्श मानने वाले विकेटकीपर यश ठाकुर को उमेश यादव ने बनाया तेज गेंदबाज

Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी के फाइनल में एक युवा गेंदबाज यश ठाकुर कमाल कर रहा है. इसने मुंबई के खिलाफ पहली पारी में तीन विकेट चटकाए. यश पहले एमएस धोनी को आदर्श मानकर विकेटकीपर बनना चाहते थे. बाद में वह तेज गेंदबाज बन गए.

Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी 2023-24 का फाइनल मुंबई और विदर्भ के बीच खेला जा रहा है. इसमें एक युवा तेज गेंदबाज ऐसा भी है तो पहले अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी के नक्शेकदम पर चलते हुए विकेटकीपिंग करता था. अब वह एक गेंदबाज के ही रूप में टीम इंडिया के लिए खेलना चाहता है. इस विकेटकीपर को तेज गेंदबाज बनाने का श्रेय उमेश यादव को जाता है. इस युवा खिलाड़ी का नाम यश कुमार ठाकुर है. यश ठाकुर अपने गुरु उमेश यादव के साथ विदर्भ की टीम की ओर से पहली बार रणजी का फाइनल मुकाबले खेल रहे हैं.

Ranji Trophy: यश ने चटकाए तीन विकेट

इस युवा गेंदबाज ने मुंबई की पहली पारी में तीन विकेट चटकाए. यश ठाकुर ने 11 ओवर गेंदबाजी की और 54 रन देकर तीन महत्वपूर्ण बल्लेबाजों को आउट किया. यश ने सलामी बल्लेबाज भूपेन ललवानी, शम्स मुलानी और तनुष कोटियन का विकेट लिया. उन्होंने एक इंटरव्यू में खुद इस बारे में बताया था कि वह पहले विकेटकीपर बनना चाहते थे और उनके आदर्श एमएस धोनी हैं. वह हमेशा से उमेश यादव से भी काफी प्रभावित थे.

Ranji Trophy: उमेश यादव ने यश को तराशा

यश ठाकुर ने कहा कि वह लगभग पूरे सीजन में उमेश यादव के साथ रहे और उनके संरक्षण में अपनी गेंदबाजी में कई सुधार किए. स्पोर्ट्सस्टार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि कैंप के लिए चुने जाने के बाद वीसीए एकेडमी में पहले ही दिन मेरी मुलाकात उमेश भैया से हुई. मैं उनसे काफी प्रभावित था और उनकी तरह ही भारत के लिए खेलना चाहता था. मेरा सपना गेंदबाजी करना था और एक बार उनके साथ मिलकर गेंदबाजी करना था.

Ranji Trophy: अब भी धोनी को आदर्श मानते हैं यश

एक घटना याद करते हुए यश बताते हैं कि साल 2018-19 में केरल के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए मैं घबरा गया था. तब उमेश भैया मेरे पास आए और कहा कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. उनके इस बात से मुझे प्रेरणा मिली और अगले मैच में मैंने चार विकेट चटकाए. सही मायने में यश को गेंदबाज बनने के लिए उनके कोच प्रवीण हिंगणीकर ने प्रेरित किया. उन्होंने यश से कहा कि अपने आदर्श धोनी का अनुकरण करते रहो और गेंदबाजी करो.

Ranji Trophy: 2011 वर्ल्ड कप जीत के बाद क्रिकेट बना जुनून

यश बताते हैं कि 2011 में भारत वर्ल्ड कप जीतने के बाद जब उन्होंने प्रवीण हिंगणीकर की अकादमी में एडमिशन लिया तो उन्होंने एक बार लापरवाही से नेट पर गेंदबाजी की. तब उनके कोच ने कहा कि आगे से कभी विकेटकीपिंग मत करना और गेंदबाजी पर फोकस करो. तब उन्होंने अपने कोच से कहा कि मैं धोनी के जैसा बनना चाहता हूं. यश के कोच ने कहा कि धोनी का अनुकरण करने के लिए विकेटकीपिंग के अलावा गेंदबाजी और बल्लेबाजी भी की जा सकती है. धोनी से अन्य पहलूओं को सीखो और अपनी गेंदबाजी में उसे लागू करो.

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