Ranji Trophy Final: सौराष्ट्र ने कर्नाटक को हराकर 5वीं बार फाइनल में बनायी जगह, बंगाल से होगा खिताबी मुकाबला
Ranji Trophy Final Bengal vs Saurashtra: सौराष्ट्र ने रविवार को रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में कर्नाटक को हराकर टूर्नामेंट के इतिहास में पांचवीं बार फाइनल में जगह बनायी. अब 17 फरवरी से शुरू हो रहे फाइनल में सौराष्ट्र की भिड़ंत बंगाल से होगी.
Ranji Trophy Final: सौराष्ट्र ने रविवार को यहां रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के पांचवें और अंतिम दिन चिन्नास्वामी स्टेडियम में कर्नाटक को चार विकेट से हराकर टूर्नामेंट के इतिहास में पांचवीं बार फाइनल में जगह बनायी, कर्नाटक के 115 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 2019-20 के चैंपियन सौराष्ट्र ने छह विकेट पर 117 रन बनाकर जीत दर्ज की. अब फाइनल में सौराष्ट्र की भिड़ंत बंगाल से होगी. यह 2019-20 फाइनल की पुनरावृत्ति होगी, जब बंगाल की टीम उप विजेता रही थी.
कर्नाटक को हरा सौराष्ट्र पहुंचा फाइनल में
पहली पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले सौराष्ट्र के कप्तान अर्पित वसावदा ने दूसरी पारी में भी 51 गेंद में सात चौकों से नाबाद 47 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभायी. वसावदा ने उस समय अहम पारी खेली जब टीम 42 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद संकट में थी. कृष्णप्पा गौतम (38 रन पर तीन विकेट) और वासुकी कौशिक (32 रन पर तीन विकेट) ने घरेलू मैदान पर कर्नाटक की जीत की उम्मीद जगायी थी, लेकिन वसावदा की अगुआई में मेहमान टीम ने 34.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया. कर्नाटक ने पहली पारी में कप्तान मयंक अग्रवाल के दोहरे शतक से 407 रन बनाये थे.
बंगाल ने डिफेंडिंग चैंपियन मध्य प्रदेश को 306 रन से हराया
इंदौर के होल्कर मैदान पर रणजी ट्रॉफी की डिफेंडिंग चैंपियन मध्य प्रदेश को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसे बंगाल ने 306 रनों के भारी अंतर से हरा दिया. मध्य प्रदेश की मजबूत बल्लेबाजी बंगाल के गेंदबाजों के नहीं ठहर सकी और दूसरी पारी में वो महज 241 रनों पर ढेर हो गयी. पहली पारी में बंगाल ने 438 रन बनाये थे और मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में महज 170 रनों पर ढेर हो गयी थी. इतनी बड़ी लीड की वजह से ही मध्य प्रदेश की हार तय हो गयी थी.
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बंगाल से खेलने वाले बिहार के आकाश का जलवा
बंगाल को फाइनल में पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रेय तेज गेंदबाज आकाश दीप को जाता है. मीडियम पेसर अबतक नौ मैचों में 37 विकेट ले चुका है. अपने शानदार प्रदर्शन के चलते आकाश दीप टीम इंडिया में भी जगह बना चुके हैं, लेकिन उन्हें अबतक डेब्यू का मौका नहीं मिला. बिहार के सहरसा से ताल्लुक रखने वाले इस खिलाड़ी के पिता का देहांत हो चुका है और मां परिवार समेत खेती करती हैं. बिहार क्रिकेट पर बैन लगने के बाद इन्होंने बंगाल टीम का रुख किया.