भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली अगले दो साल तक भारतीय टेस्ट टीम का नेतृत्व कर सकते थे. कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में 1-2 सीरीज की हार के बाद पद छोड़ने का फैसला किया. कोहली अब किसी भी प्रारूप में कप्तान नहीं हैं. शास्त्री ने ओमान में लीजेंड्स लीग क्रिकेट से इतर इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मुझे लगा कि वह आसानी से अगले दो साल तक बने रह सकते हैं, लेकिन अब जब उन्होंने पद छोड़ दिया है, तो हम सभी को उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए.
रवि शास्त्री ने पिछले साल टी-20 विश्व कप के अंत में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में जारी नहीं रहने का फैसला किया और राहुल द्रविड़ ने उनकी जगह ली. रवि शास्त्री और विराट कोहली शासन के तहत भारत ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट श्रृंखला जीती और इस साल के अंत में खेले जाने वाले अंतिम टेस्ट के साथ इंग्लैंड की श्रृंखला में 2-1 की बढ़त भी ले ली है.
Also Read: Virat Kohli : विराट कोहली ने धोनी के लिए लिखा खास संदेश, रवि शास्त्री को बताया इंजन
भारत के पूर्व ऑलराउंडर ने भारतीय टीम के साथ अपने सात साल के कार्यकाल को संतोषजनक बताया और टीम के उज्ज्वल भविष्य की भविष्यवाणी की. यह पूछे जाने पर कि अब भारतीय टीम का नेतृत्व किसे करना चाहिए, खासकर टेस्ट क्रिकेट में, शास्त्री की पहली पसंद रोहित शर्मा हैं. उन्होंने कहा कि पहली बात, टीम का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. सात साल में मैंने जो देखा है, उसमें जो नयी प्रतिभा आ रही है, वह अद्भुत है.
नये कप्तान के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक कप्तान की बात है तो रोहित दो प्रारूपों में कप्तान हैं. उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टेस्ट टीम का उप-कप्तान नियुक्त किया गया था, लेकिन वे चोट के कारण नहीं जा सके. इसका मतलब है कि उन्हें कप्तान के रूप में सोचा जाना चाहिए. हालांकि, शास्त्री भारतीय टीम का उप-कप्तान नियुक्त करने के पक्ष में नहीं हैं और कहते हैं कि ऐसा कोई नियम नहीं है जो कहता है कि एक उपकप्तान टीम में होना चाहिए.
Also Read: विराट कोहली ने जमाया फिफ्टी तो अनुष्का शर्मा की गोद पर खुशी से झूम उठी वामिका, वीडियो वायरल
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक पंत का सवाल है, वह शानदार खिलाड़ी हैं. वह भी सुनता है. ऐसा नहीं है कि वह नहीं सुनते. उसके पास बहुत प्रतिभा है और आगे भी रहेगी. वह एक नामित उप-कप्तान होने से बेहतर विकल्प हैं. शास्त्री को लगता है कि एक कप्तान को केवल विश्व कप जीत पर नहीं आंका जाना चाहिए.