Ravichandran Ashwin: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रविचंद्रन अश्विन सोशल मीडिया पर लगातार ऐक्टिव हैं. वे हर बात पर अपनी राय दे रहे हैं. वे लगातार चर्चा का भी विषय बने हुए हैं. रिटायरमेंट के बाद उनके पास अपने परिवार और समाज के लिए अब काफी समय है. वे सार्वजिनक कार्यक्रमों में भी भाग ले रहे हैं. इसी तरह के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे एक निजी कॉलेज में गए थे, जहां उन्हें स्टेज पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन उनके एक बयान के बाद बवाल मच गया. आज 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस है और अश्विन का यह बयान ऐसे समय पर आया है कि लोगों का गुस्सा फूट रहा है. Ravichandran Ashwin comment on Hindi.
दरअसल अश्विन एक प्राइवेट कॉलेज के ग्रैजुएशन समारोह में भाग लेने के लिए गए थे. इसी दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित करने के लिए पोडियम पर आए. उन्होंने छात्रों से पूछा कि इंग्लिश भाषा में कितने लोग सुनने वाले हैं, वे चियर करें. इस पर कोई कोई खास रिएक्शन नहीं आया. लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि यहां पर तमिल भाषा में कौन-कौन सुनना चाहता है. तो इस पर छात्रों ने पुरजोर शोर मचाया. इसके बाद अश्विन ने पूछा कि हिंदी में कौन सुनना चाहेगा, तो इस सवाल पर एक बार फिर सन्नाटा छा गया. इसके बाद अश्विन ने कहा, “हिंदी हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है. हिंदी बस एक आधिकारिक भाषा है.”
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
अश्विन के इस बयान के बाद उनकी सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही है. सोशल मीडिया भी इस मुद्दे पर दो धड़ों में बंटा नजर आ रहा है. एक तरफ तमिल भाषा के समर्थक हैं तो दूसरी तरफ हिंदी का अपमान करने का आरोप लगाकर उत्तर भारतीय प्रशंसक हैं. लोग उन्हें तरह तरह की सलाह दे रहे हैं. किसी ने लिखा कि यह अनधिकारिक रूप से भारतीय भाषा है, लेकिन जल्द ही आधिकारिक भाषा बन जाएगी. सुचित्रा नाम के यूजर ने लिखा कि हिंदी एक अच्छी भाषा है और इसे आपस में बात करने के लिए लोगों को सिखानी चाहिए. उपेंद्र तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि इसको इतने दिनों से हिंदुस्तान के तरफ से नहीं खेलना चाहिए था. अरे भाई हिन्दी हमारी मातृभाषा है इसका अपमान नहीं कर सकते. आपको बता दें कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर काफी समय तक विवाद चला था.
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही ले लिया था संन्यास
अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट के बाद बीच सीरीज में ही संन्यास लेकर सबको चौका दिया था. मैच के अगले ही दिन 19 दिसंबर को वे वापस लौट आए थे. उनके संन्यास के पीछे कुछ बड़ी वजहों के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन अश्विन ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है. अश्विन भारत के उन दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच में 500 से ज्यादा विकेट लिए हैं. उन्होंने भारत की तरफ से 106 टेस्ट मैचों में शिरकत की, जिसमें उन्होंने 200 पारियों में 24 की औसत से 537 विकेट लिए. अपने टेस्ट करियर में अश्विन ने 37 बार 5 विकेट हॉल लिए, जबकि उनके नाम पर सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जीतने का भी रिकॉर्ड है.
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