रिंकू सिंह को फिर याद आए एमएस धोनी, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद खोला अपने कॉन्फिडेंस का राज
भारत ने पहले टी20 इंटरनेशनल में ऑस्ट्रेलिया को दो विकेट से रौंद डाला. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 208 रनों का स्कोर बनाया. विकेटकीपर बल्लेबाज जोस इंगलिस ने शतक जड़ा. जवाब में भारतीय बल्लेबाजों ने भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और आखिरी गेंद पर रिंकू सिंह ने विजयी छक्का लगाया.
टीम इंडिया के धांसू बल्लेबाज रिंकू सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मुश्किल परिस्थितियों में खेली गयी पारी के दौरान संयम बनाये रखने के लिए पूर्व कप्तान एमएस धोनी को श्रेय दिया. रिंकू ने गुरुवार को ‘फिनिशर’ की भूमिका बखूबी निभाते हुए अंतिम ओवर में विजयी रन लिया और भारत को दो विकेट से जीत दिलायी. बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के गुरुवार को जीत के बाद के एक वीडियो में रिंकू ने कहा, ‘जहां तक संयमित बने रहने के राज की बात है तो मैंने माही (एमएस धोनी) भाई से चर्चा की थी कि वह संयमित बने रहने के लिए क्या करते हैं, विशेषकर अंतिम ओवर में.’
हमेशा धोनी की तारीफ करते हैं रिंकू सिंह
रिंकू सिंह ने हालांकि एमएस धोनी के साथ बातचीत के बारे में विस्तार से नहीं बताया. उन्होंने कहा, ‘धोनी भाई ने मुझे कहा था कि जहां तक संभव हो शांत बने रहने की कोशिश करो और सीधे गेंदबाज को देखने की कोशिश करो. मैंने इसी तरह मैच में संयम बनाये रखने की कोशिश की.’ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रन के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 15वें ओवर में चार विकेट पर 154 रन पर था जब रिंकू क्रीज पर उतरे.
सूर्यकुमार ने बनाए 80 रन
कप्तान सूर्यकुमार यादव दूसरे छोर पर थे. रिंकू ने धैर्य बनाये रखा और उन्होंने स्ट्राइक रोटेट करके ‘स्मार्ट’ क्रिकेट खेला और ढीली गेंदों की धुनाई की. उत्तर प्रदेश के 26 साल के इस बल्लेबाज ने 14 गेंद में नाबाद 22 रन बनाये जिसमें चार चौके शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘जीतकर अच्छा महसूस हुआ. जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मेरा एक ही लक्ष्य था मैं अच्छा खेलूं और सूर्यकुमार के साथ खेलना अच्छा लगा. मैं मुश्किल परिस्थितियों में जो आमतौर पर करता हूं, वही करने और जहां तक संभव हो शांत रहने की कोशिश कर रहा था.’
आखिर गेंद पर रिंकू ने जड़ा छक्का
भारत को जब एक रन की दरकार थी तब रिंकू ने सीन एबोट की गेंद को छक्के के लिए भेज दिया. लेकिन यह ‘नोबॉल’ रही इसलिए यह छक्का मान्य नहीं हुआ और भारत ने जीत हासिल कर ली. उन्होंने कहा, ‘मुझे तब तक पता नहीं चला कि यह ‘नोबॉल’ थी जब तक ड्रेसिंग रूम में अक्षर भाई से इसके बारे में नहीं सुना. छक्का हालांकि मान्य नहीं रहा, लेकिन हम मैच जीत गये थे इसलिये यह मायने नहीं रखता.’
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