रोहित-कोहली के वेतन में होगी कटौती? खराब प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों के लिए BCCI का नया नियम
BCCI: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड जल्द ही कुछ ऐसे नियम ला सकता है, जिसमें शानदार खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पैसे मिलेंगे. वहीं, खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के वेतन में कटौती होगी. हाई प्रोफाइल खिलाड़ियों को इससे बड़ा झटका लग सकता है.
BCCI: भारतीय क्रिकेट टीम में बड़े बदलावों की अटकलों के बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) कथित तौर पर खिलाड़ियों के लिए वैरिएबल पे शुरू करने पर विचार कर रहा है. इसके तहत खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के बाद वेतन में कटौती का सामना करना पड़ेगा. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैचों में हाल ही में मिले नतीजों के मद्देनजर भारतीय बोर्ड एक बड़े कॉर्पोरेट जैसी संरचना का विकल्प चुनने पर विचार कर रहा है, जहां खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पैसों के रूप में पुरस्कृत और दंडित किया जा सकता है.
रोहित-कोहली पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव
बीसीसीआई के नए सचिव देवजीत सैकिया और कोषाध्यक्ष प्रभतेज सिंह भाटिया के आने के साथ ही नई व्यवस्था लागू होने की बात की गई है, जिससे बीसीसीआई के कामकाज और खिलाड़ियों से निपटने के तरीके में कई बदलाव होने की उम्मीद है. इनमें से एक बदलाव प्रदर्शन आधारित वेतन की शुरुआत है. ऐसे में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे हाई प्रोफाइल खिलाड़ियों पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव होगा, नहीं तो उनके वेतन में कटौती हो सकती है.
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खिलाड़ियों की भी होगी जवाबदेही
इंडियन एक्सप्रेस ने एक सूत्र के हवाले से बताया, ‘यह सुझाव दिया गया कि खिलाड़ियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और यदि उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो उन्हें वेतन में कटौती का सामना करना चाहिए.’ एक प्रदर्शन आधारित प्रणाली पहले से ही लागू है, जिसके तहत 2022-23 से एक सत्र में 50 प्रतिशत से अधिक टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 30 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा.
पहले से ही खिलाड़ियों के लिए इंसेंटिव का प्रावधान
इसके साथ ही एक खिलाड़ी अगर एक सत्र में कम से कम 75 प्रतिशत मैचों में भाग लेता है तो उसे प्रति मैच 45 लाख रुपये की राशि मिल सकती है. खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट या सफेद गेंद प्रारूपों को प्राथमिकता देने के लिए यह प्रणाली शुरू की गई थी. अखबार की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि टीम प्रबंधन को लगता है कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को उतना महत्व नहीं देते, जितना उन्हें देना चाहिए. सबसे लंबे प्रारूप को अभी भी हल्के में लिया जाता है.
टेस्ट क्रिकेट पर बीसीसीआई का जोर
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि इस बात पर चर्चा हुई कि क्या मौजूदा खिलाड़ी भारत के टेस्ट मैच हारने पर थोड़ा उदासीन हो जाते हैं. टीम प्रबंधन टेस्ट क्रिकेट के महत्व को समझता है, लेकिन कई खिलाड़ी इसे ज्यादा महत्व नहीं देते हैं. भारतीय टीम प्रबंधन ने बीसीसीआई से इस मुद्दे पर ध्यान देने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ी सफेद गेंद के करियर की तुलना में टेस्ट कैप को अधिक महत्व दें.