भारत के टी 20 विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली के सबसे छोटे प्रारूप से बाहर होने की बातें पहले से ही की जा रही हैं. श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए हार्दिक पांड्या को कप्तान बनाया गया. जबकि रोहित और कोहली को टीम से बाहर रखा गया. टीम इंडिया के चीफ कोच राहुल द्रविड़ ने संकेत दिये हैं कि 2024 टी20 वर्ल्ड कप के लिए एक युवा टीम बनायी जायेगी.
हालांकि राहुल द्रविड़ ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को छोड़कर किसी का भी नाम नहीं लिया लेकिन वह काफी स्पष्ट थे कि भारत ने टी20 अंतरराष्ट्रीय में आगे देखने का फैसला किया है. भारत के पूर्व कप्तान ने यह भी कहा कि 50 ओवरों के विश्व कप को देखते हुए सीनियर्स का ज्यादा ध्यान अब एकदिवसीय प्रारूप में होगा. इस साल के अंत में वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में किया जायेगा.
द्रविड़ ने कहा कि पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में जिस टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में खेला था, उसमें से केवल तीन या चार खिलाड़ी श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में खेल रहे हैं. टी20 के अगले चक्र में हम देखने के एक अलग चरण में हैं. इसलिए हमारी थोड़ी युवा टीम है. इस टीम का श्रीलंका के गुणवत्ता वाले टीम के खिलाफ खेलना एक शानदार अनुभव है. अच्छी बात यह है कि एकदिवसीय विश्व कप और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है. इसलिए टी-20 हमें इन लोगों को आजमाने का मौका देता है.
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द्रविड़ सही हैं. गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ खेले गये भारतीय एकादश में केवल हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव, अक्षर पटेल और अर्शदीप सिंह विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड से 10 विकेट से हारने वाली टीम का हिस्सा थे. हार्दिक पांड्या ने विश्व कप के बाद से न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ खेली गयी दो टी20 सीरीज में भारत का नेतृत्व किया है. चयनकर्ताओं ने हार्दिक की पदोन्नति के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन संभावना है कि वह आगे चलकर अधिकांश टी20 आई में नेतृत्व करना जारी रखेंगे.
भारत के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, द्रविड़ ने कहा कि कोई भी वाइड या नो-बॉल नहीं फेंकना चाहता. इस प्रारूप में यह आपको बुरी तरह प्रभावित करता है. हमें इन छोटे बच्चों के साथ धैर्य रखना होगा. बहुत सारे छोटे बच्चे खेल रहे हैं, खासकर गेंदबाजी में, और उनके पास अधिक खेल होंगे. हम तकनीकी रूप से उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं, हम उनका समर्थन करते हैं और सही माहौल बनाते हैं. वे बहुत कुशल हैं, वे सीख रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काम पर सीखना कठिन है, इसलिए हमें अवश्य ही धैर्य रखना होगा.