क्या सारा तेंदुलकर को पता है कि नींद में चलते है पापा? सौरव गांगुली का बड़ा खुलासा
भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली की सलामी जोड़ी ने भारतीय टीम को कई ट्राफी दिलाईं. इसी दौरान के एक मैच का जिक्र करते हुए पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने मास्टर ब्लास्टर को लेकर बड़ा खुलासा किया.
भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली 1988 में पहली बार साथ खेलने आए थे. उनकी मुलाकात एक क्रिकेट कैंप में हुई. दोनों कई मायनों में एक-दूसरे से अलग थे और देश के दो अलग-अलग हिस्सों से भी थे. हालांकि चलकर इनकी सलामी जोड़ी ने भारतीय टीम को कई ट्राफी दिलाईं. इसी दौरान के एक मैच का जिक्र करते हुए पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने मास्टर ब्लास्टर को लेकर बड़ा खुलासा किया.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि सचिन तेंदुलकर को रात में चलने की बीमारी है. उन्होंने एक वाकये का जिक्र किया जब दोनों इंग्लैंड में खेल रहे थे और रूम मेट थे. गांगुली ने बताया कि एक रात उन्होंने देखा की सचिन आधी रात को बिस्तर से उठकर चल रहे हैं. यह देख वह उठकर बैठ गए. उन्होंने देखा सचिन चलते-चलते रुक गए और कुर्सी पर बैठ गए. इसके कुछ देर बाद वह उनके पड़ोस में जाकर सो गए.
गांगुली ने बताया कि इस बारे में उन्होंने सचिन से बात की तो उन्होंने कहा-वह रात में नींद में उठकर चलते हैं. यही नहीं गांगुली ने एक बार सचिन तेंदुलकर के मैच के बाद रोने का भी वाकया साझा किया. उन्होंने बताया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में बीच में आउट होने पर सचिन तेंदुलकर बहुत सेंटी हो गए थे और ड्रेसिंग रूम में आकर रोने लगे थे. वह अपने आप से काफी नाराज भी दिखे.
1988 में सचिन तेंदुलकर एक शिष्य थे जबकि सौरव गांगुली धीरे-धीरे खेल को सीख रहे थे. सचिन ने एक साल बाद मैच में शुरुआत की, जबकि गांगुली ने 1992 में पदार्पण किया. भारतीय टीम में आने के बाद इन दोनों ने एकदिवसीय क्रिकेट में घातक बल्लेबाजी शुरू की. सलामी बल्लेबाज के रूप में उनका कोई तोड़ नहीं था और गेंदबाजों को सपने में दिखते थे.
जब ये दोनों ओपनिंग नहीं कर रहे थे तब भी इनकी साझेदारियों ने विपक्षी टीम पर कहर बरपाया. एक दशक से अधिक समय तक उनका साथ खेलना 50 ओवर के प्रारूप के इतिहास में सबसे शानदार साझेदारियों में से एक साबित हुआ. गांगुली 2008 में रिटायर हुए जबकि सचिन ने 2013 में संन्यास लिया.
1996 से 2007 के बीच इन दोनों ने 136 पारियों में 6609 रन बनाए. उनके बीच 21 शतक और 23 अर्धशतकीय साझेदारियां हुईं. सलामी बल्लेबाज के रूप में साझेदारियों की सूची में उनके रनों की संख्या सबसे अधिक है.
कुल मिलाकर उनकी 176 पारियों में 26 शतकीय और 29 अर्धशतकीय साझेदारियों के साथ 8227 रन हैं. उनकी रन टैली पहले नंबर पर बनी हुई है. बिना किसी संदेह के वे इसमें सर्वश्रेष्ठ थे.
बताया जा रहा है कि उनकी इस आदत के बारे में भी सारा तेंदुलकर को पता नहीं था. सौरव गांगुली के इस खुलासे के बात उन्हें यह बात पता चली थी. इसपर वह काफी चौंक गई थी. हालांकि, इसकी पुष्टि प्रभात खबर.कॉम नहीं करता है.