महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा कि एकदिवसीय क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा है और इसको सही तरीके से जारी रखने के लिए बल्ले और गेंद के बीच के असंतुलन पर गौर किया जाना चाहिए. इस पूर्व खिलाड़ी ने माना कि टी20 प्रारूप की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि एकदिवसीय क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाये.
सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से कहा कि आप पलक झपकाते हैं और मैच खत्म हो जाता है. लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वनडे प्रारूप पर ध्यान देने की जरूरत है. तेंदुलकर सोमवार को 50 साल के हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन है. यह इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में बहुत अधिक झुका हुआ है.
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उन्होंने गेंदबाजों को कुछ फायदा देने की वकालत करते हुए कहा, ‘एकदिवसीय में दो नयी गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं करा पाता है. इससे गेंद ना तो नरम होती है ना ही उसका रंग फीका पड़ता है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इन चीजों से गेंदबाजी टीम दबाव में होती है. गेंद का रंग और चमक उड़ने की चुनौती पहले भी थी और तब बल्लेबाज शिकायत करते थे. यह थोड़ा गेंदबाजों के पक्ष में था.’
उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को भी कुछ फायदा मिलना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि अभी खेल से वह तत्व गायब है. इसके साथ ही 30 गज के दायरे में में पांच क्षेत्ररक्षकों मौजूदगी के कारण स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव करने का जोखिम नहीं ले सकते है. तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट को 25-25 ओवर की चार पारियों में विभाजित करने के पहले दिये गये सुझावों को याद करते हुए कहा कि इस तरह के बदलाव से दोनों टीमों को समान परिस्थितियों में समान अवसर मिलेंगे जो इस समय सिक्के (टॉस) के कारण एक पक्ष की ओर झुक जाता है.