Sagar Rana Murder Case : दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. वहीं दिल्ली की एक अदालत पहलवान सुशील कुमार की विशेष आहार तथा सप्लीमेंट्स जेल के भीतर उपलब्ध करवाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. यह देखते हुए कि कानून की नजर में हर कोई समान है दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को ओलंपिक पदक विजेता याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि कुमार ने मांगों के साथ रोहिणी अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि उनके स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए वे बेहद जरूरी हैं क्योंकि वह कुश्ती में अपना करियर जारी रखना चाहते हैं.
सुशील (Wrestler Sushil Kumar) जेल में आइसोलेट व्हे प्रोटीन, ओमेगा 3 कैप्सूल, जॉइंट कैप्सूल, प्री-वर्कआउट C4 और हाइड, मल्टीविटामिन GNC और एक्सरसाइज बैंड जैसे सप्लीमेंट्स मांगे ताकि स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बनाए रख सके. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि विशेष खाद्य पदार्थ और पूरक केवल अभियुक्तों की इच्छाएं हैं और किसी भी तरह से आवश्यक आवश्यकता या आवश्यकता नहीं है.
मजिस्ट्रेट ने कहा कि “यह अच्छी तरह से स्थापित कानून है कि जाति, धर्म, लिंग, वर्ग के बावजूद सभी व्यक्ति, चाहे प्राकृतिक या न्यायिक कानून की नजर में समान हैं. इसका तात्पर्य किसी भी व्यक्ति में उसके पद, स्थिति के कारण किसी विशेष विशेषाधिकार नहीं मिल सकता. यह भी कहा गया कि दिल्ली जेल नियम, 2018 के प्रावधानों के अनुसार जेल में अभियुक्तों की बुनियादी जरूरतों और जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें बिना किसी भेदभाव के संतुलित और स्वस्थ आहार प्रदान किया जा रहा है.
आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि वह किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं है जिसके लिए उन्हें विशेष आहार की आवश्यकता होगी. सुशील की याचिका पर कार्यवाही के दौरान, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वण कुमार बिश्नोई ने अदालत को बताया कि विशेष भोजन के लिए सुशील कुमार की स्पेशल डाइट की मांग “जेल में बंद कैदियों के बीच भेदभाव के समान” थी. इस तरह के किसी भी विशेष उपचार से जेलों में वीआईपी संस्कृति का संदेश जाता.