सौरभ तिवारी ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट से लिया संन्यास, अब डेज क्रिकेट नहीं खेलेंगे वरुन एरॉन
सौरभ तिवारी ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में सोमवार (19 फरवरी 2023) को उन्होंने संन्यास की घोषणा की.
सौरभ तिवारी ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में सोमवार (19 फरवरी 2023) को उन्होंने संन्यास की घोषणा की. उनके साथ एक और इंटरनेशनल क्रिकेटर वरुण एरॉन ने भी डेज क्रिकेट (जो लाल बॉल से खेला जाता है) को अलविदा कहा दिया है. यह पल झारखंड टीम, जेएससीए प्रबंधन, प्रशंसकों और दोनों खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके परिवार के लिए बेहद भावविभोर करने वाला था.
एक ओवर सौरभ तिवारी जब राजस्थान पर जीत हासिल करके पवेलियन लौटे, तो उनकी आंखों में आंसू साफ-साफ छलक रहे थे. उनके साथ-साथ उनके पिता सुनील तिवारी, उनकी माता, उनकी पत्नी व उनकी बहन के अलावा उनके बचपन के कोच काजल दास भी काफी इमोशनल हो गये. इसके अलावा वरुण के मात-पिता के अलावा उनकी बूढ़ी नानी भी अपने नाती का अंतिम रणजी मैच देखने के लिए स्टेडिम में मौजूद रहीं.
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जेएससीए ने सम्मान में काटा केक
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने दोनों स्टार खिलाड़ियों को केक काटकर विदाई दी. मौके पर जेएससीए के पूर्व सचिव राजेश वर्मा ने दोनों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों ने झारखंड क्रिकेट को अपनी लंबी सेवा दी है. यह हमेशा झारखंड के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे. मौके पर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सहाय, संजय पांडे, राजीव बदान, मनोज सिंह, मनोज कुमार यादव, आशीष सिन्हा, इशांक जग्गी, सतीश सिंह, गुरजीत सिंह सोनी, विनय कर्ण, राशिद, परवीर सिंह व अन्य लोग मौजूद थे.
साथी खिलाड़ियों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
सौरभ तिवारी और वरुण एरॉन जब सोमवार को अंतिम बार मैदान में उतरे तो, उनके साथी खिलाड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वरुण और सौरभ के सम्मान में सभी खिलाड़ी बैट लेकर खड़े हुए और उसके अंदर से दोनों खिलाड़ी गुजर कर मैदान तक पहुंचे. गार्ड ऑफ ऑनर ऐसे खिलाड़ी को दिया जाता है, जिनका रिकॉर्ड व योगदान अतुलनीय हो.
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मैंने केवल लाल बॉल से खेलना छोड़ा है : वरुण एरॉन
लाल बॉल क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेज गेंदबाज वरुण एरॉन ने कहा कि मैंने केवल लाल बॉल से क्रिकेट खेलना छोड़ा है. मै सफेद बॉल से क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा. उन्होंने कहा कि डेज मुकाबले में खेलने के लिए मेरी बॉडी अब मुझे इजाजत नहीं दे रही. मैं हमेशा से तेज गेंद करना पसंद करता हूं और यह मेरी पहचान रही है. मुझे कई तरह की इंजरी हुई.
उन्होंने कहा कि मैंने कई बार अपनी सर्जरी करायी, लेकिन मैंने लंबे स्पेल तक अब गेंदबाजी करने में थोड़ा असहज महसूस करता हूं. इसलिए मैंने रेड बॉल से संन्यास की घोषणा की है. वहीं, मैं सफेद बॉल के लिए अपने आपको पूरी तरह से फिट समझता हूं. जब तक मेरी बॉडी मेरा साथ देगी, मैं अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश करुंगा. मैं एमआरएफ फेस फाउंडेशन में भी अपनी सेवा दे रहा हूं.
वरुण ने जूनियर क्रिकेटरों को दिये 40 जोड़े जूते
तेज गेंदबाज वरुण एरॉन ने 40 जोड़े जूते दान किये. उन्होंने ये जूते क्लब क्रिकेट और जूनियर स्तर पर क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों को दिये. वरुण हमेशा से ही जूनियर क्रिकेटरों की मदद करते रहे हैं.
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यह फैसला मेरे लिए मुश्किल था : सौरभ तिवारी
क्रिकेट के हर प्रारूप से संन्यास लेने वाले बारीडीह के स्टार इंटरनेशनल क्रिकेटर सौरभ तिवारी ने कहा कि मेरे लिए संन्यास का फैसला बेहद कठिन था. एक क्रिकेटर के नाते मुझे मैदान पर रहना हमेशा पसंद है. आज भी जब मैं अंतिम बार कीनन स्टेडियम के लिए घर से निकल रहा था, तो मैं काफी उत्सुक था. उन्होंने कहा कि क्रिकेट के अलावा मुझे कुछ नहीं आता.
उन्होंने कहा कि आगे भी मैं क्रिकेट को ही अपनी सेवा देना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि झारखंड की टीम में कई होनहार खिलाड़ी है, जो आज नहीं तो कल मेरी जगह ले लेंगे. मैं अपने माता पिता, कोच के अलावा जेएससीए को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मेरे इतने लंबे करियर में हमेशा मेरा साथ दिया.
अपनी अंतिम कप्तानी में भी सौरभ ने दर्ज की जीत
सौरभ तिवारी एक शानदार बल्लेबाज के अलावा एक अच्छे नेतृत्वकर्ता हैं. उनके पास नेतृत्व की असीम क्षमता है. यही कारण है कि झारखंड की टीम ने आज तक बीसीसीआइ की एक मेजर ट्रॉफी ‘विजय हजारे ट्रॉफी’ सौरभ तिवारी के नेतृत्व में ही जीता है. इसके अलावा सौरभ की कप्तानी में झारखंड लगातार चार बार क्वार्टर फाइनल व दो बार सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा. सौरभ ने अपनी अंतिम रणजी मैच में भी कप्तानी की और अपनी टीम को जीत दिलायी.
सौरभ के पिता बोले- बेटा यहां तक पहुंचेगा यकीन नहीं था
विदाई समारोह में सौरभ तिवारी के पिताजी सुनील तिवारी भी मौजूद थे. बेटे की विदाई के मौके पर वह भी काफी इमोशनल दिखे. उन्होंने कहा कि मैं जब पहली बार इसको क्रिकेट के मैदान पर लेकर गया था, तो मुझे यकीन नहीं था कि वह यहां तक पहुंचेगा. लेकिन, सौरभ ने जो कारनामा किया एक पिता के लिए हमेशा गौरवान्वित करने वाला रहेगा.
सौरभ तिवारी का करियर
प्रथम श्रेणी
- मैच – 116
- पारी – 191
- नाबाद – 20
- रन – 8076
- सर्वोच्च – 238
- औसत – 47.22
- शतक – 22
- अर्द्धशतक – 34
वनडे इंटरनेशनल
- मैच – 3
- पारी – 2
- नाबाद – 2
- रन – 49
- सर्वोच्च – 37
- औसत –
- 100s – 0
- 50s – 0
आइपीएल
- मैच – 93
- पारी -74
- नाबाद – 22
- रन – 1494
- सर्वोच्च – 61
- औसत – 28.73
- 100s – 00
- 50s – 8
वरुण एरॉन का करियर
फॉर्मेट | मैच | पारी | विकेट | सर्वश्रेष्ठ | इकोनॉमी |
टेस्ट | 09 | 14 | 18 | 3/97 | 4.77 |
वन डे | 09 | 09 | 11 | 3/24 | 6.61 |
फर्स्ट क्लास | 66 | 103 | 173 | 6/32 | 3.47 |
टीम ने वरुण व सौरभ को दी जीत की सौगात
रणजी ट्रॉफी एलिट ग्रुप ए मैच में राजस्थान को दी मात
झारखंड की टीम ने कीनन स्टेडियम में खेले गये रणजी ट्रॉफी एलिट ग्रुप-ए मैच में राजस्थान को 89 रन से हराया. जीत के साथ झारखंड के स्टार क्रिकेटर सौरभ तिवारी क्रिकेट के हर फॉर्मेट से अलविदा हो गये. वहीं, वरुण एरॉन ने अभी अपने अंतिम फर्स्ट क्लास मैच में जीत की अच्छी याद को संजोया.
मैच के अंतिम दिन झारखंड को जीत के लिए चार विकेट की जरूरत थी. राजस्थान की टीम अपने रविवार के स्कोर छह विकेट पर 120 रन से आगे खेलते हुए अपनी दूसरी पारी में 158 रन पर सिमट गयी. महिपाल लोमरोर 48 रन बनाकर आउट हुए. वहीं, झारखंड की ओर से अनुकूल राय ने पांच, शाहबाज नदीम ने तीन, उत्कर्ष व वरुण एरॉन ने एक-एक विकेट लिये.
वरुण एरॉन ने अपने अंतिम रणजी मैच में कुल पांच विकेट लिये. झारखंड की ओर से दूसरी पारी में शानदार 72 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलने वाले आदित्य सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया. इस जीत के साथ झारखंड की टीम एलिट ग्रुप में अपने आपको सुरक्षित रखने में कामयाब रही. झारखंड की टीम कुल एलिट ग्रुप ए की अंक तालिका में छठे स्थान पर है. अपने सात मैचों में झारखंड ने दो जीत, दो हार व तीन ड्रॉ सहित कुल 16 अंक अर्जित किये. एलिट ग्रुप ए अंक तालिका में कुल आठ टीमें शामिल थीं.
संक्षिप्त स्कोर
- झारखंड पहली पारी : 188
- राजस्थान पहली पारी : 210
- झारखंड दूसरी पारी 269
- राजस्थान दूसरी पारी 158