नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के निवर्तमान प्रमुख सौरव गांगुली फिर से अपनी राज्य इकाई बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष पद पर वापसी करेंगे. पूर्व भारतीय कप्तान ने शनिवार को कहा कि वह कैब चुनाव लड़ेंगे. गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटना पड़ा क्योंकि बोर्ड में अभी तक कोई भी तीन साल से अधिक समय तक इस पद पर काबिज नहीं रहा है. वह बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले 2015 से 2019 के बीच चार साल तक कैब अध्यक्ष रहे थे.
सौरव गांगुली ने पीटीआई से कहा, ‘हां, मैं कैब चुनाव लड़ूंगा. मेरी 22 अक्टूबर को नामांकन भरने की योजना है. मैं पांच वर्षां तक कैब में रहा था और लोढा सिफारिशों के नियमों के अनुसार मैं इस पद पर और चार साल तक बना रह सकता हूं.’ गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष के शीर्ष पद पर अभिषेक डालमिया के स्थान पर चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थीं लेकिन पूर्व भारतीय खिलाड़ी के नामांकन से काफी सारे समीकरण बदल जायेंगे.
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गांगुली ने कहा, ‘मैं 20 अक्टूबर को अपना पैनल तय करूंगा. देखते हैं.’ घटनाक्रम पर नजर रखने वालों को लगता है कि काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि आईसीसी चेयरमैन के संबंध में बीसीसीआई क्या फैसला करता है. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी (घटनाओं पर करीबी नजर रखने वाले) ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘सौरव के साथ हमेशा ही ऐसा हुआ है कि अंतिम समय में बदलाव हुआ है. 2019 में उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए ब्रजेश पटेल को करीब से हराया था जिसमें समीकरण अंतिम क्षण में बदले थे.
उन्होंने कहा, ‘यह मत भूलिये कि आईसीसी चेयरमैन का नामांकन भी 20 अक्टूबर को भरा जाना है. बीसीसीआई में ताकतवर लोगों का फैसला बदलता है या नहीं, यह सवाल बना हुआ है.’ फिलहाल अगर बीसीसीआई के रूख को देखा जाये तो गांगुली के आईसीसी अध्यक्ष पद के लिये बीसीसीआई के उम्मीदवार बनने की संभावना 10 प्रतिशत से भी कम है. अगर बीसीसीआई के अधिकारियों का हृदय परिवर्तन होता है तो कैब अध्यक्ष के रूप में गांगुली बोर्ड की विभिन्न बैठकों में उनके प्रतिनिधि के तौर पर बोर्ड के प्रशासनिक गलियारों में प्रासंगिक बने रहेंगे.
लेकिन काफी समीकरण ऐसे हैं जो हमेशा काम करते है और इस बारे में स्पष्टता बीसीसीआई की 18 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली आम सालाना बैठक के बाद ही आयेगी. ऐसी भी अफवाहें थी कि गांगुली ने कटु परिस्थितियों के कारण पद छोड़ने का फैसला किया था लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) चेयरमैन बनने वाले अरूण धूमल ने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में इन्हें खारिज किया था.