शिखर धवन ने केवल एक प्रारूप में खेलने पर रखी बात, कहा- टीम पर बोझ बनना पसंद नहीं करूंगा

शिखर धवन को एक बार फिर जिम्बाब्वे दौरे के लिए कप्तान बनाया गया है. भारत को वहां तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है. एक ही फॉर्मेट में खेलने पर उनका बयान आया है. उन्होंने कहा कि इससे मेरे मन में कोई भी मलाल नहीं है. मैं कभी भी टीम पर बोझ बनना पसंद नहीं करूंगा.

By Agency | August 9, 2022 8:03 PM
an image

नयी दिल्ली : भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक प्रारूप में खेलने के बावजूद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को कोई मलाल नहीं है और वह इसमें अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं. सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में वेस्टइंडीज दौरे पर एकदिवसीय प्रारूप में टीम की अगुवाई करने वाले धवन ने अपने 37वें जन्मदिन से पहले खुद से वादा किया है कि वह जब तक टीम के लिए उपयोगी रहेंगे तभी तक खेलेंगे. धवन ने वेस्टइंडीज में एकदिवसीय श्रृंखला में टीम की सफलतापूर्वक अगुवाई करने के बाद पीटीआई-भाषा को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, मैं जब तक भारत के लिए खेलूंगा, टीम के लिए उपयोगी रहूंगा. मैं टीम पर बोझ बनाना पसंद नहीं करूंगा.

2020 के बाद से धवन ने बनाये 10 अर्धशतक

धवन ने साल 2020 की शुरुआत से वेस्टइंडीज दौरे तक भारत के लिए 22 एकदिवसीय में 10 अर्धशतक की मदद से 975 रन बनाये और भारतीय खिलाड़ियों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. धवन से जब इन आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं शांत और परिपक्व व्यक्ति हूं. यह प्रदर्शन मेरे अनुभव को दर्शाता है. उन्होंने कहा, खेल को लेकर मेरी समझ काफी मजबूत है और मैंने अपनी तकनीक में सुधार के लिए काफी मेहनत की है. एक प्रारूप को समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है. मैं एकदिवसीय प्रारूप की जरूरतों को समझता हूं और इससे मुझे बहुत मदद मिली है.

Also Read: WI vs IND: राहुल द्रविड़ के गंभीर भाषण के बाद शिखर धवन ने ड्रेसिंग रूम में किया धमाल, देखें VIDEO
टी-20 प्रारूप की बढ़ रही लोकप्रियता

पूरी दुनिया में जब टी-20 प्रारूप की लोकप्रियता काफी बढ़ गयी है और एकदिवसीय श्रृंखलाओं के आयोजन में कमी आयी है. ऐसे में सिर्फ एक प्रारूप में खेलने के बारे में पूछे जाने पर धवन ने कहा, मुझे इस बात को लेकर कभी निराशा नहीं हुई. मैं इन चीजों के बारे में सोचना पसंद नहीं करता हूं कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक प्रारूप में खेल रहा हूं. उन्होंने कहा, मैं इसे इस तरह से देखता हूं कि मुझे दो या तीन महीने में खेलने का मौका मिलता है और इससे मुझे तरोताजा रहने में मदद मिलती है. धवन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि जो नहीं है उस पर निराशा जताने की जगह उसे महत्व दें, जो उनके पास है.

अपने को फिट रखना चाहते हैं धवन

उन्होंने कहा, मुझे जो मिलता है , मैं उसी में खुश रहता हूं. भारत के लिए अगर मैं एक प्रारूप में खेल रहा हूं तो मेरी कोशिश यह होती है कि मैं अपना सब कुछ उसी प्रारूप में दूं. मैं सकारात्मक सोच वाला इंसान हूं. आपको मेरे अंदर कोई नकारात्मकता नहीं मिलेगी. धवन ने कहा कि उम्र के साथ उनकी फिटनेस और बेहतर होती जा रही है. उन्होंने कहा, मैं 36 साल का हूं और पहले से काफी अधिक फिट हूं. मेरा कौशल भी अच्छा हुआ है. मैंने जिम, योग, दौड़ के साथ शारीरिक कसरत कर खुद को बेहतर बनाया है.

Also Read: ICC Rrankings: आईसीसी वनडे रैंकिंग में शिखर धवन और श्रेयस अय्यर की लंबी छलांग, विराट-रोहित को नुकसान
जिम्बाब्वे दौरे के लिए कप्तान बने धवन

देश के लिए 155 एकदिवसीय में 6500 के आसपास रन बनाने वाले धवन अब जिम्बाब्वे दौरे पर भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे. टीम के नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कप्तान के तौर पर मैं अपने गेंदबाजों पर विश्वास करता हूं और पहले उनकी योजनाओं को ही अपनाता हूं. शीर्ष स्तर पर हर कोई पेशेवर होता है और सब को अपनी जिम्मेदारी का अंदाजा होता है. उन्होंने कहा, अगर गेंदबाजों की योजना काम नहीं करती तो जाहिर है हमारे पास दूसरी योजना होती है.

Exit mobile version