38 साल के हुए शिखर धवन, यहां देखें ‘गब्बर’ के करियर की उपलब्धियां और उनका दबदबा
टीम इंडिया के स्टार ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन मंगलवार को 38 साल के हो गए हैं. उन्होंने कई सालों में भारतीय क्रिकेट पर राज किया है. एक सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं. 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीत में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
टीम इंडिया के स्टार सलामी बल्लेबाज शिखर धवन मंगलवार को 38 साल के हो गए हैं. धवन काफी समय से क्रिकेट के मैदान से दूर हैं. उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला करीब एक साल पहले खेला था, जब वह बांग्लादेश में वनडे सीरीज में दिखाई दिए थे. करियर के उतार-चढ़ाव भरे दौर में यह बाएं हाथ का क्रिकेटर अपना जन्मदिन मना रहा है. टीम इंडिया के उनके कई सीनियर और जूनियर साथियों ने उनको जन्मदिन की बधाई दी है. धवन पिछले दिनों खत्म हुए आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा नहीं थे. धवन का भारतीय भारतीय लाइन-अप से इस तरह बाहर होना कई लोगों को परेशान करता है. कई पूर्व क्रिकेटर्स की राय में धवन में अब भी क्रिकेट बाकी है, लेकिन शायद प्रबंधन को लगता है कि सीमित ओवरों के लिए अब यह सीनियर ओपनर उतना कारगर नहीं है, जितनी जरूरत है.
शुरुआत में संघर्षपूर्ण रहा करियर
शिखर धवन ने टीम में ओपनिंग स्लॉट के लिए अपने दिल्ली के साथियों वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और महान सचिन तेंदुलकर के साथ करियर के शुरुआती दौर में संघर्ष किया है. उन्हें बेहतरीन मौका तब मिला जब उन्हें ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के लिए शीर्ष क्रम में रोहित शर्मा के साथ जोड़ा गया. सलामी जोड़ी के रूप में मिले इस मौके ने दोनों बल्लेबाजों के करियर को बदल दिया. ये दोनों इसके बाद विश्व क्रिकेट में दो सबसे घातक ओपनर बल्लेबाजों में से एक बनकर उभरे.
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ऐसे कहलाए टीम इंडिया के ‘गब्बर’
रिकॉर्ड तोड़ दोहरे शतक और पावर हिटिंग से जहां रोहित शर्मा ‘हिटमैन’ बन गए. वहीं अपने बल्लेबाजी कारनामों के बाद अपने ट्रेडमार्क ‘मूंछो पर ताव’ देने के कारण शिखर को ‘गब्बर’ उपनाम मिला. इस दौरान रोहित ने स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के साथ कई बड़ी साझेदारियां की. यह जोड़ी भी उस सयम से जो हिट हुई तो आज तक हिट है. रोहित और कोहली की लोकप्रियता बढ़ने के कारण धवन धीरे-धीरे इस क्रम में नंबर 3 पर आ गए.
2018 के बाद सफेद गेंद से लगभग दूर होते गए धवन
2018 में अपने आखिरी टेस्ट में शामिल होने के बाद धवन विशेष रूप से एक सफेद गेंद वाले क्रिकेटर बन गए. प्रबंधन ने उन्हें लगभग सफेद गेंद के क्रिकेट से दूर करना शुरू कर दिया. एक ओपनर के रूप में केएल राहुल से प्रतिस्पर्धा और उनकी उम्र ने शिखर के लिए सफेद गेंद वाले क्रिकेट में अपनी जगह बनाए रखना कठिन बना दिया है. हालांकि धवन अब भी सफेद गेंद वाला क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन वह हर बार पहली पसंद नहीं होते हैं. अक्सर केएल राहुल और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में उन्हें मौका दिया जाता है.
2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीत के हीरो थे धवन
कई मौकों पर धवन को भारतीय क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी का नेतृत्व करने और अपने 12 साल के करियर में प्राप्त अनुभव को उनके साथ साझा करने का काम सौंपा गया. धवन ने भारत की 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ पुरस्कार जीता. वह इस टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे. पांच मैचों में उन्होंने 90.75 की औसत से 363 रन बनाए. इसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 114 रन था.
वर्ल्ड कप 2015 में टॉप भारतीय स्कोरर
वनडे वर्ल्ड कप 2015 में भारत अपने खिताब की रक्षा नहीं कर सका और सेमीफाइनल में हार गया. लेकिन धवन ने रोहित और कोहली को पछाड़ते हुए अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया. इस संस्करण के आठ मैचों में, उन्होंने 51.50 की औसत से दो शतक और एक अर्धशतक के साथ 412 रन बनाए. वह इस प्रतियोगिता में भारत के टॉप स्कोरर रहे. इतना ही नहीं कुल मिलाकर वह टूर्नामेंट में पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
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2017 चैंपियंस ट्रॉफी में टॉप स्कोरर
धवन यहीं नहीं रुके. 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में धवन की शानदार फॉर्म में वापसी हुई. भारत के उपविजेता रहने में धवन ने एक और आईसीसी टूर्नामेंट में टूर्नामेंट के बल्लेबाजी चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने पांच मैचों में 67.60 की औसत से 338 रन बनाए. इसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक शामिल थे, उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 125 था. भारत की 2018 एशिया कप जीत में शिखर ने एक बार फिर प्रभावित किया. जिससे भारत को सातवां खिताब जीतने में मदद मिली. पांच मैचों में उन्होंने 68.40 की औसत से दो शतकों के साथ 342 रन बनाए.