शोएब अख्तर को आज भी याद है 2011 वर्ल्ड कप की हार, कहा- मैं खेलता तो सचिन और वीरेंद्र सहवाग को आउट कर देता
आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार आज भी शोएब अख्तर को परेशान करती है. भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराया था. उस साल महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने दूसरी बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी थामी थी. शोएब उस मुकाबले में नहीं खेल पाये थे.
भारत के लिए 2011 विश्व कप एक गौरव का प्रतीक है. लेकिन पाकिस्तान और खास कर शोएब अख्तर के लिए यह एक बुरे सपने की तरह है. शोएब अख्तर भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के दुख का बोझ आज भी ढो रहे हैं. 2021 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में मेन इन ब्लू ने दूसरी बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने हाथों में ली थी. लेकिन पाकिस्तान ने अपना मौका भारत के खिलाफ ही गंवाया था. जब सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराया था.
शोएब अख्तर को आज भी महसूस होता है दर्द
शोएब अख्तर मानते हैं कि यह अभी भी उन्हें परेशान करता है. टीम में होने और अपने कद का गेंदबाज होने के बावजूद, अख्तर को सेमीफाइनल में मोहाली में बड़े खेल के लिए अनफिट घोषित कर दिया गया था. स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए, अख्तर ने प्रबंधन के इस फैसले को बेहद अनुचित बताया. उन्होंने कहा कि कि आज भी मुझे 2021 का सेमीफाइनल याद है और वह मुझे सताता है.
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मैच खेलना चाहते थे शोएब अख्तर
शोएब अख्तर ने कहा कि उन्हें मुझे खेलने देना चाहिए था. यह टीम प्रबंधन की ओर से पूरी तरह से अनुचित था. मुझे पता था कि मेरे पास सिर्फ दो मैच बचे हैं और मेरी यह इच्छा थी कि वानखेड़े में पाकिस्तान का झंडा ऊंचा रहे और टीम फाइनल खेले. मैं जानता था कि भारत भारी दबाव में है. अख्तर ने कहा कि उन्हें पता था कि मैच के पहले 10 ओवर खेल में बहुत बड़ा बदलाव लायेंगे.
सचिन, सहवाग को आउट करना चाहते थे अख्तर
उन्हें आज भी लगता है कि अगर वह टीम का हिस्सा होते, तो वे भारतीय लाइन-अप को पहले ही चोक कर देते. उन्होंने सचिन तेंदुलकर और उनके प्रमुख बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को आउट कर दिया होता. महान पेसर ने अपनी टीम को डग-आउट से मैच हारते हुए देखने के दर्द को याद किया और कहा कि वह खेल नहीं खेलने से इतने निराश थे कि उन्होंने ड्रेसिंग रूम में कुछ चीजें तोड़ दीं.
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भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर जीता खिताब
अख्तर ने कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि मैं अनफिट था लेकिन मैं अंदर गया, मैंने अभ्यास के दौरान लगातार आठ ओवर फेंके. अगर मैं वह मैच खेलता, तो नतीजा कुछ होता. मैं सचिन और सहवाग को आउट कर देता. अगर सचिन और सहवाग को जल्दी आउट कर दिया जाता तो भारत का पतन हो जाता. मुझे सच में बहुत दुख हुआ. तो उस मैच को 5-6 घंटे के लिए देखें और पाकिस्तान को डग आउट से हारते हुए देखा. उस मैच में सचिन के 85 रनों ने टीम को नौ विकेट पर 260 रनों पर पहुंचा दिया. पाकिस्तान सिर्फ 231 रनों पर सिमट गया. फिर फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराया.
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