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शोएब अख्तर बनना चाहते हैं भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच, कहा- मैं इस तरह का गेंदबाज करूंगा तैयार

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा है कि अगर उन्हें पेशकश की जाती है तो उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच बनने में कोई परेशानी नही है

By Agency | May 5, 2020 3:40 PM
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पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा है कि अगर उन्हें पेशकश की जाती है तो उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच बनने में कोई परेशानी नही है और वह अधिक आक्रामक तेज गेंदबाज तैयार कर सकते हैं. अख्तर ने यह इच्छा सोशल नेटवर्किंग एप ‘हेलो’ पर इंटरव्यू में जताई. अख्तर से पूछा गया कि क्या वह भविष्य में भारतीय गेंदबाजी इकाई के साथ जुड़ना चाहेंगे तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. भारत के मौजूदा गेंदबाजी कोच भरत अरूण हैं.

अख्तर ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से ऐसा करना चाहूंगा. मेरा काम ज्ञान साझा करना है. मैंने जो सीखा है उसके बारे में दूसरों से साझा करने में मुझे कोई परेशानी नहीं. ” क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाजी करने वालों में शामिल अख्तर ने कहा, ‘‘ मैं मौजूदा गेंदबाजों की तुलना में अधिक आक्रामक, तेज और चुनौती देने वाला गेंदबाज तैयार करूंगा. जो बल्लेबाजों को कड़ी चुनाौती दे सके. ” उन्होंने यह भी कहा कि आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच बनना चाहेंगे जिसके लिए वह 2008 में इस टी20 लीग में खेले थे.

उन्होंने 1998 की श्रृंखला में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ बातचीत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा ,‘‘मैने उसे देखा था पर मैं नहीं जानता था कि वह भारत में कितना बड़ा नाम है. चेन्नई में मुझे पता चला कि वह भारत में भगवान के रूप में जाना जाता है. ” उन्होंने कहा ,‘‘ वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. मैंने 1998 में काफी तेज गेंदबाजी की और भारतीय दर्शकों ने मेरी खूब हौसलाअफजाई की. भारत में मेरे काफी प्रशंसक हैं. ”

आपको बता दें कि हाल में शोएब अख्तर ने ये बयान दिया था कि कोरोना से लड़ने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एक दोस्ताना सीरीज होने की वकालत की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उस सीरीज से जो भी पैसे आएंगे उस पैसे को दोनों देश मिलकर बांट लेंगे और उस पैसे से हमलोग कोरोना पीड़ित लोगों की मदद करेंगे. हांलाकि हरभजन और कपिल देव ने उनके इस बयान की आलोचना की थी. कपिल ने तो यहां तक कह दिया था कि पहले अपने देश की वो पहले अपने देश से आतंकवाद की गतिविधियां रोकें.

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