भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर की कमर की चोट दुबारा उभर आयी है. इस वजह से वह पहली पारी में बल्लेबाजी करने भी नहीं आ सके. अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज से भी बाहर हो सकते हैं. श्रेयस के दुबारा चोटिल होने के बाद खिलाड़ियों के चोट प्रबंधन को लेकर नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) पर भी सवाल उठने लगे हैं.
बीसीसीआई के एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि ऑस्ट्रेलिया की पारी के दौरान श्रेयस अय्यर लगभग 170 ओवर क्षेत्ररक्षण करने के कारण यह चोट के उभरने का मामला हो सकता है. लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि कम से कम एक घरेलू मैच खेलने के अनिवार्य नियम को अय्यर पर लागू क्यों नहीं किया गया. अय्यर नागपुर टेस्ट में नहीं खेल पाये थे लेकिन दूसरे टेस्ट के लिए फिट घोषित किया गया था.
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इसके बाद अय्यर दिल्ली और इंदौर दोनों टेस्ट में खेले लेकिन उनका शरीर अहमदाबाद में लंबे समय तक क्षेत्ररक्षण करने को नहीं झेल पाया. अय्यर को जब जनवरी में पहली बार कमर की तकलीफ का सामना करना पड़ा था तो वह एक महीने के लिए बाहर रहे थे और एनसीए में कड़े रिहैबिलिटेशन से गुजरे थे और उन्हें फिट घोषित किया गया तो रणजी सत्र खत्म हो चुका था. इस वजह से अय्यर घरेलू सीरीज नहीं खेल पाये थे.
पूर्व चयनकर्ता ने कहा, लेकिन ईरानी कप होना था और आप अय्यर की वापसी के लिए इंतजार कर सकते थे. इसी तरह के मौसम में उसे ईरानी कम में खेलने देते और देखते कि उसका शरीर उमस भरे हालात में दो दिन क्षेत्ररक्षण करने को झेल पाता है या नहीं. बता दें कि जो खिलाड़ी लंबे समय से फॉर्म में नहीं होते उन्हें बीसीसीआई ने पूर्व में ही घरेलू सीरीज खेलने की सलाह दी है, ताकि उनकी फॉर्म वापस आये और उन्हें दुबारा नेशनल टीम में मौका दिया जा सके.